अचलपुर रेल बुकिंग खिड़की भी उपेक्षित हुई; रेल आरक्षण लिंक आउट, सैकड़ों यात्रियों को निराशा

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    अचलपुर. अभी एक सप्ताह पूर्व तक केंद्र सरकार की मेहरबानी से शुरू रेलवे आरक्षण खिड़की पर विधिवत काम शुरू था. अचलपुर, धारणी, चिखलदरा, अंजनगांव आदि जगहों से यात्रीगण आकर अपनी जरूरत के अनुसार रेलवे टिकट का आरक्षण करा रहे थे. यह आरक्षण उसी अजूबे रेलवे स्टेशन पर होता है, जहां से मूर्तिजापुर तक दौड़ती शकुंतला एक्सप्रेस को पूर्णतः बंद कर दिया गया है. अब यह रिजर्वेशन काउंटर भी रेलवे मंडल भुसावल की मनमानी व लापरवाही का शिकार बन चुका है. 

    नागरिकों को हो रही असुविधा

    पिछले 3 दिनों से अचलपुर की रिजर्वेशन विंडो आउट आफ कवरेज है, लिंक नहीं होने से सैकडों यात्रियों को निराश होकर वापिस लौटना पड़ा रहा. फिर मरता क्या नहीं करता कि तर्ज पर पैसे खर्च करके लोग अमरावती जा रहे और वहां से आरक्षण प्राप्त कर सफर कर रहे है. अमरावती जिले में 2 सांसद और दर्जनभर विधायक मंत्री होने के बाद भी अचलपुर-मेलघाट यह रेल आरक्षण सुविधा से भी महरूम कर दिया गया है. अचलपुर आरक्षण केंद्र के माध्यम से रेलवे को लाखों रुपये की आय होती है,बावजूद इसके उक्त केंद्र को खंडहर बनाये रखने में जनप्रतिनिधियों ने कोई कसर बाकी नही रखी है. ‘डिजिटल इंडिया ‘ सिर्फ एक छलावा है. सांसद करते भुलावा है. 

    पैसे व समय की बरबार्दी

    यदि इस एक छोटे से केंद्र से रेलवे को लाखों रुपये प्राप्त होते है तो इसके मायने है कि बड़ी तादाद में रेल यात्री यहां रिजर्वेशन करवाने पहुंचते है. केंद्र पर कोई प्राथमिक सुविधा तक नहीं है. केंद्र की रेल यात्रियों को सख्त जरूरत है. भुसावल मंडल के रेल अधिकारी अब इस सेंटर को भी बंद करने पर तुले है. लोगों की मांग है कि रेलवे रिजर्वेशन काउंटर पूरा दिन 24×7 शुरू रखा जाए. फिलहाल रोजाना रेल आरक्षण खिड़की सिर्फ 2 बजे तक ही शुरू रहती है, और रविवार को तो यहां पूर्ण अवकाश होता है. कई बार यात्रियों की टिकट कंफर्म नहीं हो पाती है, आरक्षण खिड़की 2 बजे बंद होने पर लोगों को आरक्षण टिकट रद्द करने के लिए अमरावती जाना पड़ता. इसमे पैसे और समय का नाजायज नुकसान होता है. जनप्रतिनिधि यह लोगों की भावना को समझे और इस अत्यंत जरूरी प्रश्न को चलकर राहत प्रदान करे.