MLA Santosh Bangar Attack Case

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    अंजनगांव सुर्जी (सं). शहर दौरे पर आए शिंदे गुट के हिंगोली के विधायक संतोष बांगर की कार पर रविवार 25 सितंबर को हुए हमले के मामले में 9 शिवसैनिकों को गिरफ्तार किया गया. है. सोमवार को सभी आरोपी शिवसैनिकों को कोर्ट में पेश करने के बाद 1 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. आरोपियों में शिवसेना के पूर्व तहसील प्रमुख महेंद्र दिपटे, शहर प्रमुख राजेंद्र आकोटकर, युवासेना तहसील प्रमुख अभिजीत भावे, गजानन चौधरी, गजानन हाडोले, रविंद्र नाथे, गजानन विजेकर, शरद फिसके, मयूर राय है. जबकि पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में है.

    CM ने लिया संज्ञान 

    हिंगोली के विधायक संतोष बांगर रविवार 25 सितंबर को सुर्जी के देवनाथ मठ में उनकी पत्नी व बहन के साथ दर्शन के लिए आए थे. शाम करीब 6 बजे मठ से निकलते ही कुछ शिवसैनिकों ने उनके काफिले पर हमला बोलकर ’50 खोके एकदम ओके’ की नारेबाजी की. घटना से पूरे राज्य में खलबली मचनेके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी मामले का संज्ञान लिया. इसी वजह से पुलिस प्रशासन हरकत में आया तथा हमलावर शिवसैनिकों की धरपकड रविवार रात से ही शुरू की गई. 

    पुलिस उपनिरिक्षक फरियादी

    इस मामले में अंजनगांव पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने स्थानीय शिंदे गुट का एक भी कार्यकर्ता सामने नहीं आने से अंत में अंजनगांव पुलिस स्टेशन के एक पुलिस उपनिरिक्षक फिर्यादी बना. इस विषय को लेकर भी चर्चाओं का दौर चलता रहा. गिरफ्तारी के बाद सैंकडों शिवसैनिक अंजनगांव पुलिस स्टेशन पर इकठ्ठा हुए. इनमें जिला शिवसेना संपर्कप्रमुख सुधीर सूर्यवंशी, जिलाप्रमुख सूनील खराटे, पूर्व विधायक संजय गावंडे, महानगर प्रमुख पराग गुडधे समेत पदाधिकारी गजानन वाकोडे, प्रमोद धनोकार, मनोज कडू, अंकुश कावडकर, तहसील प्रमुख कपील देशमुख समेत बडी संख्या में तहसील के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे. 

    PSI की बड़ चूक 

    विधायक संतोष बांगर के दौरे के दौरान बंदोबस्त के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन के एक उपनिरिक्षक व कुछ कर्मचारियों की नियुक्त की गई थी. बांगर के गाड़ी के काफिले के सामने स्थानीय पुलिस स्टेशन का वाहन था. वाहन में बैठे उपनिरीक्षक को शिवसैनिक आते देखने के बाद भी तथा घटनास्थल पर शिवसैनिक उपस्थित होने की पूर्वसूचना होने के बावजूद इस उपनिरिक्षक व कर्मचारियों ने सुरक्षा की दृष्टि से उचित कदम नहीं उठाया. 

    यह मर्दानगी नहीं : बांगर 

    शिवसेना के खिलाफ बगावत करने के बाद शिंदे गुट में शामिल होने वाले अंतिम विधायक संतोष बांगर को रविवार को अंजनगांव सुर्जी में शिवसैनिकों के गुस्से का सामना करना पड़ा. बांगर ने इस पूरे घटनाक्रम पर नाराजगी जताते हुए कहा कि  मैं, मेरी पत्नी और बहन देव दर्शन के लिए गए थे. जब मैं देव दर्शन के बाद मंदिर से निकला, तो कुछ 10-5 लोगों ने नारेबाजी की. उन्होंने मेरी कार को टक्कर मारने की कोशिश की. यह मर्दानगी नहीं है. अगर मेरी बहन और पत्नी कार में नहीं होती, तो संतोष बांगर क्या है? मैं उन्हें बता देता.