बिजली बिल का 906 करोड़ बकाया, अभियान छेड़ने सड़क पर उतरी मुख्य अभियंता

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    अमरावती. आर्थिक स्थिति के कारण महावितरण कंपनी का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है. बिजली बिल नहीं तो बिजली नहीं है, अमरावती व यवतमाल जिलों में कृषि उपभोक्ताओं को छोड़ घरेलू, व्यावसायिक, औद्योगिक व अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं पर 906 करोड़ बिजली बिल बकाया हैं.

    महावितरण की मौजूदा वित्तीय स्थिति पर नजर डालें तो पूरा बकाया वसूल करने की जरूरत है. इसीलिए क्षेत्र में बिजली बिलों की वसूली तेजी की गई है. बिजली बिल का भुगतान नहीं करने वाले ग्राहकों को अंधेरे में रहने पड़ सकता है. इसीलिए मुख्य अभियंता पुष्पा चव्हाण बकाया बिल वसूली के लिए सड़क पर उतरी है.  

    छुट्टी दिन भी बिजली केंद्र शुरु

    राज्य में  कोयले की कमी के कारण बिजली संकट गहराया है. जिसका प्रभाव बिजली उपभोक्ताओं पर ना पड़े इसके लिए महावितरण कंपनी के मुख्य अभियंता पुष्पा चव्हाण, अधीक्षक अभियंता दिलीप खानंडे, सुरेश मडावी व अन्य अधिकारी छुट्टियों के दौरान ग्राहकों से वसूली अभियान में हिस्सा ले रहे है.  परिमंडल अंतर्गत कृषि ग्राहक छोड़ विभिन्न वर्ग के बिजली ग्राहक की ओर कुल 906 करोड़ बकाया है.

    जिसमें अमरावती जिले के 2 लाख 43731 ग्राहकों की ओर 84 करोड 75  लाख,  व्यावसायिक क्षेत्र के 15190 ग्राहकों की ओर 10 करोड 42 लाख, औद्योगिक क्षेत्र के 2880 ग्राहकों की ओर से 10 करोड 3 लाख बकाया है. इसके अलावा जिले के स्ट्रीट लाइट, जलापूर्ति योजनाएं और अन्य श्रेणियां के ग्राहकों की ओर 181 करोड़ बिजली बिल बकाया है.

    यवतमाल जिले में भी करोड़ों का बकाया

    इसी तरह यवतमाल जिले के 2 लाख 5149 घरेलू ग्राहक की ओर 68 करोड़ 56 लाख, व्यवसायिक क्षेत्र के 11900 ग्राहकों पर 9 करोड़ 10 लाख तथा औद्योगिक क्षेत्र के 3181 ग्राहकों पर 12 करोड़ 26 लाख  लाख बकाया है. महावितरण कंपनी ने बकाया बिल की वसूली के लिए मुहिम चलाई है. शनिवार व रविवार को भी बिल भरने के लिए बिजली केंद्र शुरु रखे है.