Coronavirus
File Photo : PTI

    Loading

    अमरावती. शहर सहित जिले में गत 15 दिनों से संक्रमण के मामले भले ही लगातार बढ़ रहे है, किंतु इस बीच सीरो सर्वेक्षण से हुए खुलासे से बड़ी राहत मिली है. प्रशासन के लिए भी यह राहत की खबर है. कोरोना संक्रमण के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को ध्यान में रखते हुए जिले में सीरो सर्वे कराया गया. जिसकी रिपोर्ट प्रशासन को शुक्रवार मिली है. रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल जिले की 91 प्रतिशत आबादी में एंटीबॉडी तैयार हो चुकी है. जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अधिकतर आबादी कोरोना को मात देकर स्वस्थ हो चुकी है.

    शहर की तुलना में ग्रामीण में अधिक  

    शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में यह प्रमाण 86.8 प्रतिशत बताया गया है. सीरो सर्वे के लिए ग्रामीण इलाकों से कुल 16 हजार सेम्पल प्राप्त किए गए थे. जिनमें से 84.8 प्रतिशत सेम्पलों में एंटीबॉडी पाई गई है. किंतु इस रिपोर्ट के बाद प्रशासन द्वारा कहा गया है कि जिस तरह  वैक्सीन की दोनों खुराक प्राप्त करने के बावजूद कई लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. उसी तरह नेचुरल एंटीबॉडी प्राप्त करने के बाद भी कोरोना के डेल्टा व ओमिक्रॉन वेरिएंट किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकते है. ऐसे में प्रत्येक नागरिक के लिए कोरोना प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाओं का पालन करना अनिवार्य है.

    बार-बार संक्रमित होने का कारण?

    वर्तमान में जिले में 82 प्रतिशत आबादी को टीके की एक खुराक लगाई जा चुकी है. जबकि दोनों खुराक लेने वालों का औसत करीब 54 प्रतिशत है. ऐसे में प्रशासन द्वारा कहा जा रहा है कि नागरिक जल्द से जल्द दूसरी खुराक लें. ताकि नए वेरिएंट को निष्प्रभावी किया जा सके. टीके के दोनों खुराक प्राप्त कर चुके नागरिकों में डेल्टा वैरिएंट की मौजूदगी प्रशासन के लिए चिंता का कारण बनी हुई है. विवि प्रयोगशाला के अधीक्षक डा. प्रशांत ठाकरे ने बताया कि बार-बार डेल्टा से प्रभावित हो रहे मरीजों के नमूनों पर अध्ययन किया जा रहा है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बार-बार संक्रमित होने के कारण क्या हैं? 

    1,43,000 ने नहीं लिया दूसरा डोज 

    टीके की पहली खुराक प्राप्त करने के लिए टीकाकरण केंद्रों पर भारी भीड़ देखी जा रही थी. लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार करीब 1 लाख 43 हजार लोग ऐसे है, जिन्होंने पहला डोज लेने के बाद दूसरे डोज लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई. प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे घर-घर टीकाकरण अभियान का भी इन लोगों पर कोई असर नहीं  पड़ा है. टीके के दूसरे डोज की तिथि 1 माह से अधिक समय गुजरने के बावजूद 1.43 लाख से अधिक लाभार्थी पूरी तरह से उदासीन दिख रहे हैं.