Bharat Band Press

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    अमरावती. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा की ओर से मंगलवार 29 नवंबर को भारत बंद का आह्वान किया गया है. ओबीसी के विभिन्न संगठनों के आह्वान पर बंद का आयोजन किया गया है. इस समय ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों का प्रखरता से विरोध किया जाएगा. यह जानकारी राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रा. विवेक कडू ने शनिवार को पत्र वार्ता में दी.

    भारत बंद के आयोजन को लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा की ओर से आयोजित पत्र-परिषद में कहा गया है कि, संविधान निर्माताओं ने सामाजिक शोषित वर्ग को शासन-प्रशासन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के चलते संविधान में धारा 340 ओबीसी के लिए दी गई है. पिछले 72 वर्ष में ओबीसी को उनकी संख्या के अनुपात में 52 प्रतिशत आरक्षण अब तक नहीं मिला. उन्हें केवल 27 प्रतिशत आरक्षण लागू है.

    इसका मुख्य कारण यह है कि, सुप्रीम कोर्ट में इंद्रा सहानी केस में 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण लागू नहीं किया जाएगा, इस तरह का निर्णय देने से ओबीसी को अब तक उनकी संख्या के अनुपात में प्रतिनिधत्व नहीं मिला है. वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक आधार पर ईडब्ल्यूएस के 10 प्रतिशत आरक्षण उच्च जाति के लोगों को देने के संदर्भ में निर्णय हुआ है. जो 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण की सीमा लगाई है, उस निर्णय के विरोध में आर्थिक आधार पर आरक्षण का निर्णय हुआ है.

    आरक्षण के मामले में केंद्र की मोदी सरकार ने जो हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है. वह संघ के इशारे पर दाखिल किया है यह आरोप भी पत्र वार्ता में लगाया है. ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र की नीतियों के विरोध में 29 नवंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. इस तरह की घोषणा पत्र-परिषद में की गई. इस समय राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष विवेक कडू, जिलाध्यक्ष सुनील डहाके, बहुजन क्रांति मोर्चा जिला संयोजक एड. सुनील डोंगरदिवे आदि उपस्थित थे.