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    अमरावती. कैम्प परिसर के लाखों रुपए के प्लाट का भुमि अभिलेख कार्यालय से बोगस पीआर कार्ड तैयार करने के मामले में आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने मास्टर माइंड आरोपी संदीप चंद्रकांत राठी (48 एलआईसी कालोनी) तथा प्लाट की नकली मालिक प्रकाश विठोबा ठाकरे( 60 गुरुदेव नगर) को कोर्ट में पेश कर 30 जुन तक पुलिस कस्टड़ी में लिया है. बोगस पीआर कार्ड पर नकली मालिक बने प्रकाश ठाकरे को प्रापर्टी बेचने के बाद 5 लाख रुपए देना तय हुआ था, लेकिन प्रापर्टी से संबंधित व्यवहार ना होने से यह लेन-देने नहीं हो पाया.

    1952 वर्ष की फर्जी रजिस्टरी व स्टैम्प बनाए

    पुलिस सूत्रों के अनुसार इस पूरे प्रकरण का मास्टर माइंड संदीप राठी है. जिसने वर्ष 1952 की फर्जी रजिस्टरी व स्टैम्प क्रमांक डालकर प्रकरण की शुरुआत की. नीता भूसारी व प्रकाश दिगांबर ठाकरे के बीच किसी प्रापर्टी की खरीदी-बिक्री का व्यवहार हुआ था. इसी व्यवहार से संबंधित कागजातों में हेरफेर कर प्रकाश दिगांबर ठाकरे के नाम के बजाए फर्जी प्रकाश विठोबा ठाकरे के नाम का इस्तेमाल काफीपेस्ट के माध्यम से किया.

    जिसके बाद संदीप राठी को किसी प्रकाश ठाकरे नामक शख्स की तलाश थी.जो केकतपुर जाकर खत्म हुई. यहां सड़क निर्माण करने वाले मजदूरों के लिए भोजन बनाने वाले प्रकाश ठाकरे से संपर्क किया. जिसे इस फर्जीवाडा में शामिल होने के बदले 5 लाख रुपए देना तय हुआ. भूमि अभिलेख कर्मचारियों की मिलीभगत से कैम्प स्थित 7 हजार स्केअर फीट प्लाट का 24 दिसंबर 2020 को फर्जी पीआर कार्ड बनाया गया. यहां फर्जी प्रकाश ठाकरे को खड़ा करके पूरी प्रक्रिया निपटाई. 

    60 लाख में बेचने का प्रयास

    फर्जी पीआर कार्ड बनने पर चव्हान नामक ब्रोकर के माध्यम से 60 लाख रुपए में किसी अनिकेत देशमुख को बेचने की योजना बनाई. जिसके लिए 30-30 लाख के दो चेक भी लिए थे. लेकिन दोनों चेक आरोपी भूना नहीं पाए. इस बीच नीता भूसारी की बेटी ने भूमि अभिलेख कार्यालय से पीआर कार्ड निकलवाया. लेकिन यहां पीआर कार्ड पर किसी प्रकाश विठोबा ठाकरे के नाम का उल्लेख होने से वह परेशान हो गई. जिसने वर्ष 2015 से 2019 तक लगातार पीआर कार्ड निकलवाए थे. जिन्हें लेकर उसने भूमि अभिलेख कार्यालय व जिलाधिकारी से शिकायत की. जिसकी जांच में पता चला कि वर्ष 1952 में ऐसी कोई पंजीयन नहीं हुआ है.

    और आरोपी होगे गिरफ्त में

    प्रकाश ठाकरे का पीआर कार्ड बोगस होने का तथ्य उजागर होने से 7 जुन को गाडगे नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. इस प्रकरण की जांच आर्थिक शाखा सौपी गई. जिसमें प्राथमिक रिपोर्ट में भूमि अभिलेख के उंबरकर व शिरभाते के नाम दिया गया था. जिसमें जांच कर पुलिस ने मुख्य आरोपी संदीप राठी व प्रकाश ठाकरे को हिरासत में लिया है. जिसमें जल्द ही अन्य आरोपी गिरफ्तार होगी.