Arbitrary scandal of civilians and farmers misbehaving

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    • लोग घंटों खड़े रहकर बैरंग लौटे

    अचलपुर. कोरोना संक्रमणकाल में लोगों को अपने जरूरी दस्तावेज बनाने व शासन की अन्य सभी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है. लोगों की परेशानी को जगह पर ही दूर करने के उद्देश्य से अमरावती जिला कलेक्टर ने हर गांव में शासन आपके द्वार अभियान शुरू किया है.

    मंगलवार 14 सितंबर को अचलपुर तहसील की ‘ अ ‘ श्रेणी की ग्राम पंचायत कांडली में तहसील आपके द्वार अभियान की धज्जियां उड़ती दिखाई दी. लोग घंटों खड़े रहकर आखिरकार बैरंग लौटने विवश हो गए. 

    सिर्फ खानापूर्ति साबित हुई 

     प्रशासन ने महज खानापूर्ति और कागजों पर दर्शाने के लिए इस अभियान का ऐलान कर रखा है. सुबह 9 बजे से ही निर्धन लोग इस आशा में ग्रापं कार्यालय पर जमा हुए कि उनके शासकीय स्तर पर प्रलंबित कार्य पूरे हो जाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. तहसील में अपना काम करवाने के उद्देश्य से जमा हुए लोगों को पहले तो योग्य फॉर्म (प्रपत्र)लाने के लिए दौड़ाया गया.

    अमुक फ्रॉम आप भरकर लाओ…वो अमुक तमुक दूकान में,जेरोक्स वाले के यहां मिलेगा. शिबिर में आये बुजुर्गों,महिलाओं को योग्य फॉर्म,प्रपत्र लाने के लिए परतवाड़ा तक दौड़ लगानी पड़ी. नागरिकों को कोई योग्य सूचना नहीं थी कि राशन कार्ड बनाने के लिए क्या-क्या कागजात लेकर आना है. फ़ोटो,निवासी दाखिला की व्यवस्था भी शिबिर में नहीं की गई. ग्राम पंचायत कांडली के उपसरपंच गंगा धंडारे ने स्वयं होकर नागरिकों के सिर्फ प्रांगण में बैठने की व्यवस्था की.

    ग्राम पंचायत बिल्डिंग में तहसील की टीम  सिर्फ लोगों के नाम लिखने का ही काम कर रहे थे. तहसील की टीम अपने साथ एक वीडियोग्राफर लेकर आई थी. इस वीडियोग्राफर को अभियान की सफलता की शूटिंग करने अनुबंध पर बुलाया गया है. दोपहर 1.30 बजे से लेकर 2.15 बजे तक यह प्रतिनिधि कांडली में हो रही भीड़भाड़ और नहीं हो रहे कार्यों का प्रत्यक्ष साक्षी बना रहा. 

    फार्म नहीं होने से अभियान का बैंड बजा 

    एक बुजुर्ग महिला सुबह 9 बजे से आई. उसे 47 क्रमांक का टोकन दिया गया था. दोपहर 2 बजे तक उसे भीतर नही बुलाया गया था.इस महिला को अपना राशन कार्ड नया डिजीटल बनाना था.वो मायूस होकर अपना नंबर आने का इंतजार कर रही. असलम शेख एकतानगर कांडली से आये थे. उन्हें अपनी बीवी का आधार कार्ड अभी तक नही मिला.उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में कांडली ग्राम पंचायत में आयोजित शिबिर में अपनी पत्नी का आधार कार्ड बनाया था.

    इसकी एक्नॉलेजमेंट(पहुंच रसीद) भी उन्होंने दिखाई,लेकिन आज तक उनको आधार कार्ड नही मिला.वो भी सुबह 12 बजे से कतार में खड़े है.ग्राम सचिव विनोद मोरे अपने केबिन में बैठे हुए थे.ग्राम पंचायत के किसी भी कर्मचारी और अधिकारी को इस शिबिर से कोई लेना-देना नहीं था.इनका कहना था कि शिबिर तहसील कार्यालय का है,हम सिर्फ उनके बैठने की व्यवस्था के लिए यहाँ उपस्थित है.

    संजय गांधी निराधर योजना, श्रावनबाल योजना, राशन कार्ड,राशन कार्ड दुरुस्ती,राशन कार्ड में नया नाम दर्ज करवाना, आपदा मुआवजा, खेती का नुकसान,घर ढह जाना, सर्प दंश,वोटर कार्ड,मतदाता सूची में नाम,सात-बारह दुरुस्ती,आदि किसी भी प्रकार का कार्य करने में दो बजे तक किसी एक भी लाभार्थी को संतुष्ट नहीं कर पाए. अभियान के लिए योग्य प्रपत्र की व्यवस्था ही नहीं होने से इसके प्रारंभिक चरण में ही शासन आपके द्वार की अच्छी खासी फजीहत हो गई.

    असुविधा से लोगों में रोष 

    राज्यमंत्री बच्चू कडू जब अपने विधायक कार्यकाल में शासन आपके द्वार का आयोजन करते थे शिबिर स्थल पर फॉर्म भरकर देने वाले स्वयंसेवक,फ़ोटो निकालने आदि सभी की व्यवस्था की जाती थी.यहां ऐसा कुछ भी नही देखने को मिला. तहसील के सभी उपस्थित कर्मचारी यह नहीं बता सके कि दोपहर 2 बजे तक कितने लोगों के काम सफलतापूर्वक निपटाए गये.

    आगे पूछने पर अभियान के प्रमुख नायब तहसीलदार सोलंके का नाम और उनका मोबाइल नंबर थमा दिया गया.साहेब अभी आये नही है,उनके आने के बाद आपको जो भी पूछना है,उनसे पूछ लीजिएगा .इस प्रकार भारी अव्यवस्था के बीच यह दिखावटी शासन आपके द्वार कार्यक्रम चलता रहा है.