yashomati thakur
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    अमरावती: पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने महाराष्ट्र साइबर विभाग की रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि 12 व 13 नवंबर को अमरावती शहर में हिंसाचार पूर्व नियोजित साजिश थी। जिससे पूरे महाराष्ट्र को इसी तरह सुलगाने के लिए सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाएं भड़काने की पोस्ट वाइरल की गई। 

    12 व 13 नवंबर को शहर में अमरावती वाइलेन्स हैशटैग का उपयोग कर 4000 से ट्वीट व पोस्ट किए गए। ट्वीट, फेसबुक व इंस्टाग्राम के माध्यम से की गई पोस्ट अत्यंत भड़काऊ थी। साथ में जोड़े गए वीडियो में गलत जानकारी देकर विशेष समाज की भावनाएं भड़काई गई। 

    त्रिपुरा में घटित घटना को गलत तरीके से दिखाकर द्वेष निर्माण करने वाली पोस्ट तत्काल हटाने की सूचना साइबर विभाग ने दी थी। लेकिन जनता की धार्मिक भावनाएं भड़काकर महाराष्ट्र में असंतोष निर्माण कर अस्थिरता लाने का प्रयास किया गया। साथ ही इसका लाभ वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए करने यह पूर्व नियोजित साजिश होने का दावा पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने किया।

    बोंडे ने उठाए सवाल

    भापपा नेता डा। अनिल बोंडे ने शहर में दंगे को सुनियोजित करार दिये जाने पर कहा कि पालकमंत्री यशोमति को देर से यह बातें सूझ रही है। उन्हें यदि पहले ही पता था, तो पुलिस के माध्यम से सभी वाइरल पोस्ट की जांच क्यों नहीं कराई। सरकार व इंटेलीजेंस हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठे रहे।

    क्यों नहीं ली एक्शन

    निर्दलीय विधायक रवि राणा ने कहा कि यदि यह सुनियोजित था तो पालकमंत्री अथवा उनकी महाविकास आघाड़ी सरकार ने समय रहते एक्शन क्यों नहीं लिया। पुलिस व सरकार तुम्हारी है। फिर 12 नवंबर को इतना बड़ा मोर्चा क्यों निकलने दिया।दंगे के पीछे कौन है, यह सामने आना चाहिए।