-मो. शकील@
तलेगांव दशासर. तलेगांव दशासर से चांदूर रेलवे हेतु पिछले दो वर्षों से सड़क निर्माण का काम चल रहा है. मगर अभी तक यह काम पूर्णता की सीढ़ी पर नहीं चढ़ पाया है. बता दें कि अमरावती -चांदूर रेलवे -तलेगांव हेतु उखड़ी सड़क के दुबारा निर्माण हेतु पिछले कुछ दो-तीन वर्ष पूर्व काम शुरू किया गया था. जबकि चांदूर रेलवे तक आज की हालत में सड़क का चौड़ाईकरण व जीर्णोध्दार पूर्ण हो चुका है.
दोनों ओर से खोदी सड़क
चांदूर से तलेगांव तक का काम पिछले एक- दो साल पूर्व से जारी है. पहले तो कोरोना काल के लॉकडाउन की भेंट चढ़ा. अब यह काम पिछले कुछ माह से जारी हो गया हैं. इसके लिए रोड के दोनों तरफ को ख़ुदाई कर चौड़ाई व जीर्णोद्धार का काम चल रहा हैं. यहाँ इस मार्ग की दोनों ओर खोदी गयी सड़क पर गिट्टी व मिट्टी डालने का काम युद्ध स्तर पर चालू हैं. मगर इस मार्ग को करते समय इस 20 किलोमीटर की दूरी वाले मार्ग को 5,5 किलोमीटर का ही काम प्राथमिकता से पूर्ण किया जाना चाहिये था. जो कि यातायात व्यवस्था को भी सुविधाजनक होता. मगर इसे चांदूर के फ्लाई ओवर ब्रीज से लेकर तलेगांव तक पूर्ण खोदने से यातायात को भारी दिक्कतों से गुजरना पड़ रहा है.
20 किमी का मार्ग पार करने डेढ़ घंटा
वही रोड के एक बाज़ू में ख़ुदाई कर डाले गये गिट्टी व मुरूम के बचे आधे रोड पर बिछने व बिखरने से लोगों को भारी कसरत कर अपनी जान हथेली में लेकर यात्रा करनी पड़ रही है. वही इस रोड पर पड़ी गिट्टी से कई लोग दुर्घटनाओं का शिकार हुए तो इस मार्ग पर कुछ लोगो को जान भी गंवानी पड़ी हैं. आज यह 20 किलोमीटर के मार्ग पर यात्रा करने में अच्छे-अच्छों के पसीने छूट रहे है तो वही आधे घँटे के समय मे इस 20 किलोमीटर की दूरी तय करने में अब लगभग एक से ड़ेढ घँटे का समय तलेगांव तक लगता हैं.
रोगियों के लिए बना जानलेवा
जबकि विशेष यह कि इस मार्ग से वाया चांदूर, अमरावती हेतु प्रसूति के लिए तो कुछ सीरियस मरीज़ों के साथ ही दुर्घटना में घायलों को इलाज हेतु भी ले जाना पड़ता है. मगर इस मार्ग निर्माण की मंद गति से खतरनाक बने इस मार्ग से गुज़रना टेढ़ी खीर हैं तो इन मरीज़ों की जान बचाने ले जाना उनकी जान की ही दुश्मन सिद्ध हो रही हैं. विशेष यह कि संबंधित विभाग इस तलेगांव-चांदूर रेलवे मार्ग के निर्माणाधीन कार्य को गतिशील बनाये व राहगीरों को हो रही असुविधा,यातायात में बाधा बने इस मंद गति से रोड पर पड़ी गिट्टी से होने वाली दुर्घटनाओं से लोगों की जान व माल के साथ न्याय करें.