दरवृध्दि के खिलाफ महावितरण कार्यालय पर प्रदर्शन, जय संविधान संगठन का आंदोलन

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    अमरावती. महावितरण द्वारा प्रस्तावित 37 प्रश बिजली दरवृध्दि प्रस्ताव रद्द करने की मांग के साथ विभिन्न मांगों को लेकर महावितरण कार्यालय, विद्युत भवन के सामने सोमवार को जय संविधान संगठन द्वारा आंदोलन किया गया. आंदोलन में किरण गुडधे, हरीश मेश्राम, नारायण थोरात, अंसार बेग, मुजफ्फर खान, अर्चना गोंडाने, रूपेश गवई, शीतल गजभिए, वर्षा अकोडे, गोपाल ढेकेकर, ममता मेश्राम, सुयोग माथुरकर, धर्मशील मेश्राम, संकेत राहुल, नीलेश वाघमारे, भास्कर डोंगरे, सुमन घरडे, छगन मुनेश्वर, मुमताज खान, राशिद खान, जेएम गोंडाने, प्रो. ओमप्रकाश झोड, अमोल राउत, भागवत चोपकर, अमोल कदम, राष्ट्रपाल घरडे समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे.

    आमजन होंगे प्रभावित

    महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग को कई घरेलू उपभोक्ताओं, किसानों व व्यापारियों ने मुख्य अभियंता, महावितरण अमरावती परिमंडल द्वार बीजली वृद्धि पर आपत्ति आवेदन नियामक आयोग को भेज दिए गए हैं. महावितरण द्वारा आयोग को भेजा गया प्रस्ताव, अगर बिजली की कीमत में 37 प्रतिशत की वृद्धि होती है, तो गरीब घरेलू उपभोक्ता, किसान और छोटे उद्यम व्यवसायिक सबसे अधिक प्रभावित होंगे. अडानी पावर के बारे में राज्य सरकार कुछ नहीं कह रही है. सरकार ने करोड़ों उपभोक्ताओं से वसूली की योजना बनाई है, सरकार गरीबों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली न देकर अपने दोस्तों को खुश करने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है.

    अन्य राज्यों की तूलना में महाराष्ट्र में महंगी

    आंध्र प्रदेश में सरचार्ज के साथ न्यूनतम 1.9 रुपये और अधिकतम 9.75 रुपये, गुजरात में 3.5 रुपये से 5.2 रुपये, दिल्ली में 3 रुपये से 8 रुपये, गोवा में 1.6 रुपये से 4.5 रुपये, असम में 5.3 रुपये से 7.15 रुपये, बिहार में 6.1 रुपये से 6.1 रुपये तक। 8.5 रुपये, छत्तीसगढ़ 2.5 रुपये से 4.65 रुपये, मध्य प्रदेश 4.21 रुपये से 6.74 रुपये, कर्नाटक 4.15 रुपये से 8.2 रुपये, केरल 3.15 रुपये से 7.09 रुपये बिजली शुल्क है.  उसकी तुलना में महाराष्ट्र में 5.36 रुपये से 15.56 रुपये प्रति यूनिट बिजली मिल रही है.  यानी बिजली का बिल दूसरे राज्यों के मुकाबले तीन गुना तक ज्यादा है.  हालांकि, महावितरण ने बिजली नियामक आयोग को 37 फीसदी बिजली दरों में नई बढ़ोतरी का प्रस्ताव सौंपा है. जिससे लोगों में आक्रोश है.