चुरणी. मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के खोंगडा अंतर्गत वन भाग क्र.942,943,949 व 950 में मंगलवार की दोपहर से भीषण आग लगी. 30 से 40 हेक्टेयर जंगल जलकर खाक होने का प्राथमिक अनुमान है. चिखलदरा वनपरिक्षेत्र के वन कर्मचारी ने आग बुझाने के लिए रातभर संघर्ष किया. गर्मियों के दिन शुरू होते ही तापमान 40 सेल्सियस तक पहुंच गया है.
मोहफुल का सीजन शुरू होने से किसान पेड़ों के नीचे का कचरा जलाते हैं. यह कचरा जलाते समय पडोस के जंगल में बड़े पैमाने पर आग फैलती है. जिसका नतीजा मेलघाट के व्याघ्र प्रकल्प के जंगल में आग लगने की घटना दिन ब दिन हो रही है.
वन कर्मियों ने रातभर किया संघर्ष
मंगलवार की दोपहर पर इसी तरह से खोंगड़ा के वन भाग में आग लग गई. करीबन 40 हेक्टेयर जंगल को आग ने अपनी चपेट में ले लिया. आग में बड़े पैमाने में सागौन के पेड़ व महत्वपूर्ण वन संपत्ति जली है. आग बुझाने के लिए चिखलदरा व जामली वन कर्मियों ने प्रयास किया जिसमें जामली के वन परिक्षेत्र अधिकारी अभय चंदेल व चिखलदरा के वन परिक्षेत्र अधिकारी भैमुले के साथ वनपाल सुरेश सोलंके, वनपाल सचिननवरे, वनरक्षक विजय गुलरेकर, राहुल वडे, बोरकर, मोरे, मीना कास्देकर, प्रकाश शनवारे, चेतन हिवराले का समावेश है.
जंगल बचाने करें प्रयास
जंगल में आग लगने का मामला यह मानव निर्मित है. जिसमें गांववासियों ने वन कर्मचारियों के साथ मिलकर आग बुझाने का प्रयास करना चाहिए. जिससे जंगल व वन्य जीव के प्राण बचाए जा सकते है. यह सामूहिक जिम्मेदारी सभी ने स्वीकारना चाहिए.-पीयूषा जगताप, उपवनसंरक्षक, मेलघाट वन्यजीव