Banking loan waiver scheme Hundreds of farmers are deprived of benefits

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    शिरजगांव कसबा. प्रकृति की मार झेल रहे किसान अपनी स्थिति को बेहतर बनाने और अच्छी फसल के साथ आय को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है. जहां उन्हें महंगाई का सामना करते हुए खेती करना एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है. हर बार किसान एक नई उम्मीद के साथ खेती में जुट जाता है. इन दिनों खरीफ फसल बुआई का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है.

    जिसके लिए आर्थिक मदद के तौर पर फसल कर्ज के लिए बैंक से फसल कर्ज निकालने के लिए सारी प्रक्रिया में जुटा है, लेकिन बैंक प्रशासन की लापरवाही के कारण किसानों को बिना कर्ज के ही बैरंग लौटना पड़ रहा है. वहीं महीनों चक्कर काटने के बावजूद भी बैंक द्वारा फसल कर्ज देने में असमर्थ साबित हो रही है. जिसके बाद मजबूरन किसान साहूकारों के द्वार पर पहुंच रहे है़. इसके बावजूद भी प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ है.

    कलेक्टर के निर्देशों की अनदेखी

    किसानों ने बताया कि वे शिरजगांव कसबा स्थित महाराष्ट्र बैंक की शाखा में पिछले दो महीनों से फसल कर्ज के लिए चक्कर काट रहे हैं. मानसून शुरू हुए एक महीना बीत गया है. जहां खरीफ की फसल बुआई अंतिम चरण में है, लेकिन उन्हें अब अभी तक बैंक द्वारा कर्ज़ नहीं दिया गया है. हर रोज दर्जनों किसान फसल कर्ज़ के लिए बैंक में आते हैं और खाली हाथ लौट जाते हैं.

    कई किसानों का कहना है कि उन्होंने बैंक में कर्ज़ के लिए पिछले कई दिन पहले ही आवेदन कर चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद भी उन्हें आज तक फसल कर्ज़ मुहैया नहीं कराया गया है. पिछले कई दिनों से बैंक द्वारा उन्हें मात्र आश्वासन ही दिया जा रहा है. जिसके कारण वे साहूकारों के चंगुल में फंस रहे है. जहां उन्हें अधिक ब्याज से पैसे लेकर बुआई करने की नौबत आ चुकी है. जबकि हाल ही में अमरावती जिलाधिकारी पवनीत कौर ने किसानों को फसल कर्ज़ देने के सभी बैंकों निर्देश भी दिए है. इसके बावजूद भी बैंक प्रशासन पर इस का कोई खासा असर नहीं दिखाई दे रहा है.

    डेढ माह पहले किया था आवेदन

    पिछले डेढ़ महीना पहले मैंने फसल कर्ज के लिए महाराष्ट्र बैंक में आवेदन किया था. लेकिन मुझे अभी तक फसल कर्ज नहीं दिया गया. मैं हर रोज़ बैंक के चक्कर लगा रहा हूं. जहां मुझे बैंक प्रबंधक की ओर से सिर्फ आश्वासन मिल रहे है. मुझ जैसे कई किसान यहां हर रोज कर्ज के लिए आ रहे हैं. लेकिन उन्हें भी खाली हाथ लौटना पड़ रहा है.- स्वानंद लांडे, किसान, शिरजगांव कसबा

    आंदोलन की चेतावनी 

    फसल कर्ज़ नहीं मिलने की शिकायते है. अनेक किसानों को फसल कर्ज देने में बैंक से देरी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बैंक को इस संबंध में निवेदन दिया गया है. जल्द कर्ज उपलब्ध नहीं कराने पर तिव्र आंदोलन किया जाएगा.- प्रविण खेरडे, सरपंच, शिरजगांव कसबा

    जोनल ऑफिस में प्रस्ताव लंबित

    हमारी तरफ से सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और सभी प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय में भेजे गए. जैसे ही जोनल ऑफिस से अप्रूवल मिलता है. उसके बाद सभी को कर्ज़ दिया जाएगा. हम इस संबंध में लगातार वरिष्ठो के संपर्क में है.- गुरुदेव दडमल, शाखा प्रबंधक, महाराष्ट्र बैंक, शिरजगांव कसबा