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अमरावती. राज्य के किसान आत्महत्याग्रस्त चौदह जिलों में सरकार ने एपीएल राशन कार्ड धारक किसानों को खाद्यान्न के बजाय सीधे नकद (डीबीटी) हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है. प्रति लाभार्थी एक हजार आठ सौ रुपये वार्षिक दिया जाएगा. इसका लाभ अमरावती जिले के 3 लाख 79 हजार 882 लाभार्थियों को मिलेगा.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत एपीएल राशन कार्ड धारक कृषक परिवारों को प्राथमिकता से पारिवारिक लाभार्थियों की तरह खाद्यान्न का लाभ दिया गया. लेकिन राज्य सरकार ने अनाज के बदले नकद राशि देने का फैसला किया है. जिसके अनुसार अमरावती जिले के 93 हजार 778 किसान परिवारों के लोगों को को डीबीटी के माध्यम से प्रति वर्ष 1 हजार 800 रुपये दिए जाएंगे. यह जानकारी जिला आपूर्ति अधिकारी डीके वानखड़े ने दी. योजना में राज्य में अमरावती संभाग के अमरावती, वाशिम, अकोला, बुलढाणा, यवतमाल, नागपुर संभाग के वर्धा तथा मराठवाडा के औरंगाबाद, जालना,नांदेड, बीड, उस्मानाबाद, परभणी, लातूर,हिंगोली समेत कुल 14 किसान आत्महत्याग्रस्त जिलों का समावेश है.

बजट में प्रावधान

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अनुसार केंद्र सरकार की गैर एनएफएसए योजना में राज्य सरकार द्वारा योजना के लिए आवश्यक गेहूं, चावल आदि उपलब्ध कराया जाता था. जिसमें किसानों को प्रति सदस्य प्रति माह 5 किलो खाद्यान्न दिया जाता था, 2 रु. प्रति किलो गेहूं तथा तीन रुपये प्रति किलो चावल की दर से उपलब्ध कराया गया. हालांकि भारतीय खाद्य निगम ने जानकारी दी है कि कुछ कारणों से इस योजना में गेहूं और चावल नहीं मिल पाएगा. इसलिए राज्य सरकार ने किसान योजना के लाभार्थियों को खाद्यान्न के बदले सीधे डीबीटी के माध्यम से राशि देने का निर्णय लिया है. इसके अनुसार प्रति माह प्रति लाभार्थी 150 रुपये के हिसाब से सालाना 1,800 रुपये दिए जाएंगे. सरकार ने इस बजट में इसके लिए प्रावधान किया है. इसका लाभ जनवरी 2023 से किसानों को दिया जाएगा.