विद्याभारती कालेज की नैक-अ में हैट्रिक, विदर्भ में लगातार तीसरी बार मानांकन मिलने में प्रथम

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    अमरावती. 11वीं से पीजी तक शिक्षादान में अपनी अत्याधुनिक व पर्यावरण पूरक व्यवस्था के लिए बेमिसाल विद्याभारती महाविद्यालय को नैक का अ दर्जा मिला है. लगातारा तीसरी बार नैक-अ दर्जा प्राप्त कर इस कालेज ने संपूर्ण विदर्भ में रिकार्ड बनाया है. इसके पहले वर्ष 2004, 2013 और अब 2021 में यह उपलब्धि प्राप्त हुई है. 

    अत्याधुनिक सुविधा से लैस 

    शनिवार को पत्र परिषद में सचिव अशोक चव्हाण, प्राचार्य प्रज्ञा येनकर, आयक्यूएसी के समन्वयक प्रा. डा. आरएण पाटिल, ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट के प्रमुख प्रा. मनिंदरसिंग मोंगा, प्रोफेसर मिथिला राठोड़ ने बताया कि 1994 से अंबानगरी के प्रथम महापौर डा. देवींसिंह शेखावत ने विद्याभारती शिक्षा संस्था के माध्यम से उच्च शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने विद्याभारती महाविद्यालय शुरू किया. जिसके बाद पूर्व विधायक संस्था अध्यक्ष रावसाहब शेखावत के नेतृत्व में कालेज प्रगतिपथ पर लगातार अग्रेसर है.

    जुलाई 2017 में नैक मूल्यांकन में बदलाव हुए. जिसके बाद कंम्प्यूटराइज्ड प्रणाली से मूल्यमापन शुरू है. जिसके अनुसार विद्याभारती महाविद्यालय में भौतिक बदलाव व पर्यावरण पूरक वातावरण के साथ अंतरराष्ट्रीय दर्जे की अत्याधुनिक व्यवस्था से लैस किया गया. कालेज ने अपने स्तर पर 100एमबीपीएस स्पीड की इंटरनरेट सुविधा जनरेट की है. सभी विभागों में कुल मिलाकर 470 कम्प्यूटर है.         

    लाकडाउन में भी जुटे रहे प्रोफेसर 

    लाकडाउन में आनलाइन शिक्षा के चलते एसएसआर रिपोर्ट 45 दिनों में भेजना अनिवार्य है. जिससे कालेज के सभी प्रोफेसर व स्टाफ ने लाकडाउन में नियमित कालेज में आकर यह रिपोर्ट भेजने में कोई कसर नहीं छोड़ी. यूजीसी के तहत विद्याभारती को अमरावती विवि में पालकतत्व मिला है. जिसके माध्यम से संभाग के 8 कालेजों को नैक नामांकन दिलाने तैयार करने मार्गदर्शन किया जा रहा. कालेज का क्वालिटी शिक्षा पर जोर है.

    विद्यार्थियों का सर्वोत्तम विकास के साथ ही ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट के तहत डायरेक्ट बड़ी कंपनियों में नौकरी के अवसर उपलब्ध है. इसी क्रम में बहुराष्ट्रीय कंपनी विप्रो के साथ विद्याभारती कालेज का टाइअप हुआ है. इसी तरह विदर्भ के लिए अत्यंत गौरव वाली बात है कि कालेज ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ भी टाइअप किया है. कालेज में 11 विषयों में पीएचडी की व्यवस्था है. पत्र परिषद में डा. विशाल शेखावत, प्रा. किशोर शिरभाते, सतीश कडू, दीपक गुल्हाने उपस्थित थे.