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प्रतीकात्मक तस्वीर

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    अमरावती. शहर पुलिस आयुक्तालय में सोमवार को उस समय हड़कंप मच गया जब रिटायर्ड पुलिस जमादार महेंद्र नामदेवराव सरकटे घायल अवस्था में स्ट्रेचर पर लेटकर परिजनों के साथ सीपी आफिस पहुंचा. 15 दिन के भीतर सेवानिवृत्ति वेतन नहीं मिला तो आत्महत्या करने का अल्टीमेटम देकर सीपी डा. आरती सिंह को निवेदन दिया. 

    कोर्ट ने किया निर्दोष बरी

    निवेदन में बताया कि सरकटे जब सेवा में थे, उस समय उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. इस प्रकरण में कोर्ट ने उन्हें निर्दोष रिहा किया था. इसी तरह प्रकरण में आरोपी इंगले को निर्दोष बरी किया. इसीलिए सरकटे यह उर्म्रनुसार 30 जुन 2016 को सेवानिवृत्त हुए. सेवानिवृत्ति के दिन सरकटे पर न्यायिक व विभागीय जांच प्रलंबीत ना होने तथा उन्हें भ्रष्टाचार प्रकरण में निर्दोष मुक्त किया.

    इसीलिए अपील के अधिन रहकर पूर्ण निवृत्ती वेतन प्राप्त करने नागपुर महालेखाकार को पेंशन प्रकरण पेश किया. इसी तरह अन्य लाभ में छुट्टी के पैसे, गटविमा रकम, डीसीआर की रकम अदा करने,सुधारित वेतनवृध्दि मंजुर करने, ऐसी विनंती पुलिस कर्मी सरकटे ने सीपी को दिए निवेदन में की.

    15 दिन में निर्णय ले

    इस निवेदन का विचार करके 15 दिनों में निर्णय ले, अन्यथा वह न्याय प्राप्त करने के लिए लोकआयुक्त को निवेदन देगे. ज्ञापन में कहा कि पैर की बीमारी के कारण उनकी मानसिक स्थिति खराब हुई है. घर के सामान बेचकर आपरेशन किया है. और 3 आपरेशन करने की सलाह डाक्टर ने दी है. लेकिन एक वर्ष से सीपी आफिस से मेरे अधिकार के पैसे नहीं मिल रहे है. अब यदि 15 दिनों के भीतर पैसे नहीं मिले तो वह आत्महत्या कर लेगे, जिसकी जिम्मेदारी सीपी व संबधित लेखा विभाग के कर्मचारियों की रहेगी ऐसी चेतावनी सरकटे ने दी है.