अमरावती. राजमाता जिजाऊ की जयंती के दिन राजापेठ उड़ान पुल पर बगैर परमिशन लगाई छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा रविवार को तड़के 4 बजे कड़े पुलिस बंदोबस्त में हटा दी गई. महानगरपालिका व शहर पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई के पूर्व राणा दपति को नजरकैद कर दिया गया. कडाके की ठंड में यह प्रतिमा हटाये जाने को लेकर शहर की राजनीति गरमा गई है. राणा की युवा स्वाभिमान पार्टी और समर्थन में उतरी भाजपा की कांग्रेस के साथ शाब्दिक लड़ाई छिड़ गई है. सभी संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस गश्त व बंदोबस्त बढ़ा दिया गया है.
कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
जानकारी के अनुसार 13 जनवरी की मध्यरात्रि विधायक रवि राणा ने राजापेठ उड़ान पुल के मध्यभाग में छत्रपति शिवाजी महाराज की पूर्णाकृति प्रतिमा स्थापित की. महानगरपालिका व जिला प्रशासन की अनुमति के बगैर लगाई इस प्रतिमा को दूसरे दिन रात में हटाये जाने की हलचलें शुरू होने से सक्रिय हुए युवा स्वाभिमान पार्टी के दर्जनों पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार 14 जनवरी की देर रात तक पहरा दिया. इतना ही नहीं बल्कि मनसे ने खुलेआम इसका समर्थन करते हुए इस जगह पहुंचकर प्रतिमा की पूजा-अर्चना भी की. जिसके बाद शुक्रवार को विधायक राणा ने भी प्रतिमा को माल्यार्पण कर पूजा-अर्चना की. प्रतिमा हटाए जाने के निषेध में राणा निवास पर कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया.
ना भूतो, ना भविष्यति बंदोबस्त
पुलिस की मदद से महानगरपालिका ने रविवार को तड़के संयुक्त कार्रवाई करते हुए पूरे सम्मान के साथ राजापेठ उड़ान पुल से यह प्रतिमा हटा दी. इसके लिए पुलिस का ना भूतो, ना भविष्यति पुलिस बंदोबस्त लगाया गया. राजापेठ उड़ान पुल पर तीनों ओर से आवाजाही रोक दी गई. तीनों ओर से पुलिस की 10-10 गाड़ियां उड़ान पुल पर तैनात कर दी गई. यहां कड़े बंदोबस्त में पुलिस पहरा बिठा दिया गया. इसके पहले शंकर नगर स्थित
पहले अण्णाभाऊ साठे का पुतला हटाया
सबसे पहले पुलिस के कड़े बंदोबस्त में मनपा प्रशासन ने कलेक्ट्रेट के सामने चौराहे पर बगैर परमिशन लगाया गया लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे का पुतला हटाया. मध्यरात्रि 2.30 बजे डीसीपी विक्रम साली, एमएम मकानदार, सभी एसीपी, शहर के सभी थानेदार व 300 से अधिक पुलिस कर्मियों के बंदोबस्त में मनपा के अतिक्रमण विरोधी दस्ते ने यह पुतला हटाया. मानवी हक्क अभियान, लहूजी शक्ति सेना, मातंग सेना व विदर्भ लहूजी संगठन की ओर से जिलाधिकारी कार्यालय के ठीक सामने शनिवार की मध्यरात्रि 2 बजे साहित्यरत्न अण्णाभाऊ साठे का पुतला बिठा गया था.
अण्णाबाऊ साठे का पुतला बिठाने वालों में लहूजी शक्ति संगठन के डा. रूपेश खड़से, मानवी हक्क संगठन के दादासाहब क्षीरसागर, मेजर महादेव खंडारे, गणेशदास गायकवाड़, पंकज जाधव, गणेश कलाणे का समावेश है. इस कार्रवाई के बाद यह संयुक्त काफिला राजापेठ उड़ान पुल की ओर बढ़ा. डिटेन किए जाने से पुलिस ने विधायक राणा की दोपहर 3 बजे निवास पर आयोजित प्रेस कान्फ्रेस नहीं होने दी.
स्वराज्य ने निगमायुक्त का पोस्टर फूंका
स्वराज्य संगठन ने रविवार को दोपहर 1.30 बजे इर्विन चौक में निगमायुक्त प्रवीण आष्टीकर का पोस्टर फूंककर निषेध दर्ज किया. स्वराज्य संगठन का कहना है कि छत्रपति शिवाजी महाराज व अण्णाबाऊ साठे का पुतला नहीं हटाना था. इस समय मौके पर पहुंची पुलिस ने 5 आंदोलनकारियों को डिटेन किया. जिसमें प्रवीण बनसोड, अमोल इंगले, प्रवीन खंडारे, नवनीत तंतलपाले, अमोल जोधले का समावेश है.
गंगा सावित्री पर पुलिस छावनि
इस बीच शंकर नगर स्थित विधायक रवि राणा के गंगा सावित्री निवास पर पुलिस पहरा बिठा दिया गया है. एसआरपीएफ की एक कंपनी के अलावा 10 पुलिस अधिकारी व 200 पुलिस कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है. निवास के सामने दोनों ओर से बैरिकेट्स लगाकर रोड ब्लाक कर दिया गया है. किसी को भी राणा निवास में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. दोपहर में युवा स्वाभिमान पार्टी के दर्जनों पदाधिकारी व कार्यकर्ता इकठ्ठा हुए. जिससे पुलिस ने 35 स अधिक कार्यकर्ताओं को डिटेन कर वसंत हाल में रखा. इस बीच सांसद नवनीत राणा ने पुलिस के सामने अपने कार्यकर्ताओं के साथ तीव्र प्रदर्शनन किया. राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार व पालकमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
2 एसआरपी कंपनी सहित कड़ा बंदोबस्त
शहर में कानून व सुव्यवस्था कायम रखने के लिए 2 एसआरपीएफ कंपनी के साथ थाना स्तर पर पुलिस बंदोबस्त लगाया गया है. प्रमुख चौक चौराहों पर अधिकारियों के साथ पुलिस कर्मियों को तैनात किया है. कानून व्यवस्था के लिए कुछ कार्यकर्ता डिटेन किये है.-विक्रम साली, डीसीपी
शिवजयंती पर फिर बिठाएंगे पुतला
छत्रपति शिवाजी महाराज का पुतला बिठाने के लिए 3 वर्षों से मांग की जा रही थी. मैं खुद स्वत: महापौर, आयुक्त से मिला. प्रशासन के साथ बैठक ली. मनपा ने कोई पहल नहीं की. पुलिस बंदोबस्त में रातों-रात पुतला हटा दिया गया. मनपा में भाजपा की सत्ता है नगरसेवक नींद में है क्या? छत्रपति शिवाजी महाराज की पूजा नहीं करने वाले मनपा में युवा स्वाभिमान के नगरसेवक नहीं जाएंगे. इस्तीफा देकर इस कार्रवाई का निषेध करेंगे. शिव जयंती पर फिर पुतला बिठाएंगे. इसके पूर्व मनपा व जिलाधिकारी कार्यालय परमिशन दें. अन्यथा तीव्र आंदोलन करेंगे. शिवभक्तों की भावनाओं को चोट पहुंचने से इस बारे में निर्णय लिया जाएंगा. जनप्रतिनिधि को आतंकी की तरह ट्रीटमेंट दी जा रही है. -रवि राणा, एमएलए, बडनेरा
पुतले के लिए संघर्ष की नौबत
शिवभक्तों ने छत्रपति शिवाजी महाराज का पुतला बिठाने पिछले 3 वर्षों से अनुमति मांगी. अब तक यह अनुमति नहीं दी. राजापेठ में 4 दिनों पूर्व पुतला बिठाया गया था. शिवाजी महाराज के नाम पर वोट मांगते है और उनका ही पुतला लगाने के लिए सरकार अनुमति नहीं दे रही है. रात में महाराज का पुतला हटाया जाता है. महिलाओं पर कार्रवाई की जाती है. शिवभक्तों को जेल में डाला जा रहा है. जनप्रतिनिधियों को पुतले के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. यह स्थिति महाराष्ट्र में निर्माण हुई है. -नवनीत राणा, सांसद
मनपा में सत्तारूढ़ भाजपा जिम्मेदार
महाराष्ट्र के आराध्य दैवत छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का कदापि विरोध नहीं है, लेकिन राजापेठ उड़ान पुल पर विधायक रवि राणा ने बगैर परमिशन गलत तरीके से महाराज की प्रतिमा स्थापित की. सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2013 में आदेश जारी किए है. जिसके बाद तत्कालीन फडणवीस सरकार ने वर्ष 2016 में जारी की नियमावलि बनाई है. जिसके अनुसार प्रतिमा स्थापित करने के लिए गृह विभाग, लोकनिर्माण विभाग व नगर विकास विभाग की समिति के निर्णय पर यह प्रतिमा बिठाई जाती तो योग्य रहता.
महानगपालिका में भाजपा की सत्ता है और मनपा ने परमिशन क्यों नहीं दी ? 4 फीट के पुतले को किसी शराबी या सिरफिरे ने चोट पहुंचाई तो क्या होगा. पुतले की स्थापना परमिशन के साथ पूरे सम्मान के साथ होती तो ठीक रहता. इस तरह की हरकतों से अशांति का वातावरण तैयार होकर शहर विकास पर दुष्परिणाम होता है. इस प्रकरण से पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर का कोई संबंध नहीं है.-डा. सुनील देशमुख, पूर्व पालकमंत्री
राणा व भाजपा ने की अवमानना
राज्य के आराध्य दैवत छत्रपति शिवाजी महाराज का पुतला विधायक रवि राणा ने मध्यरात्रि बिना अनुमति उड़ान पुल पर स्थापित किया. जिसके बाद महानगरपालिका ने तड़के यह पुतला हटा दिया. दोनों मामलों में छत्रपति शिवाजी महाराज की अवमानना हुई है. जिसके लिए राणा व मनपा में सत्तारूढ़ भाजपा जिम्मेदार हैं. जिससे पुतला बिठाने की अनुमति देना अथवा हटाना महानगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में आता है. इसलिए पुतला हटाने का पाप भाजपा का ही है.
भाजपा व उसके समर्थक विधायक राणा को जाहिर माफी मांगनी चाहिए. पालकमंत्री यशोमति ठाकुर पर टिप्पणी कर रवि राणा निर्लजता दिखा रहे है. सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व में महानगरपालिका ने पुतला हटाया और पालकमंत्री को दोष देना अत्यंत हास्यापद है. शिवराय के पुतले को लेकर सस्ती राजनीति कर बुझने के पहले दीपक की फड़फड़ाहट की तरह राणा की अवस्था हो गई है.
कोई भी पुतला रवि राणा को अब बचा नहीं सकता. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल का यह कहना और भी हास्यास्पद है कि हमारा भाजपा का महापौर पालकमंत्री के दबाव आने से छत्रपति का पुतला हटाया. इस तरह अब उत्तर प्रदेश की तर्ज पर राज्य में भी भाजपा वालों की यही स्थिति देखने मिल सकती है. -एड. दिलीप एडतकर, प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस
भाजपा परमिशन लेकर लगाएंगी प्रतिमा
भाजपा शहर अध्यक्ष किरण पातुरकर ने जारी प्रेस बयान में कहा है कि राजापेठ उड़ान पुल के मध्यभाग में छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज का पुतला शासन की परमिशन लेकर लगाया जाएंगा. लेकिन इसी बीच विधायक राणा ने बिना अनुमति सिवाजी महाराज का पुतला स्थापित किया. यह योग्य नहीं है, लेकिन फिर भी पालकमंत्री व प्रशासन को यह पुतला हटाने की आवश्यकता नहीं थी. स्व. बालासाहब ठाकरे की शिवसेना ने राज्य में कई जगह बिना अनुमति पुतले लगाए है.
आज शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री है. उनके नेतृत्व में प्रचंड पुलिस बंदोबस्त में पुतला हटाया जाना निषेधार्ह है. साथ ही जिलाधिकारी कार्यालय के सामने लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे का पुतला हटाया जाना भी निषेधार्ह है. भाजपा छत्रपति शिवाजी महाराज व संभाजी महाराज का पुतला उड़ान पुल और अण्णाबाऊ साठे का पुतला शहर के प्रमुख चौक में लगाने की मांग करती है.