अमरावती. राज्य के कर्मचारियों के तबादलों के लिए सरकार ने 31 जुलाई की अंतिम तिथि तय कर दी है. जिसके बाद 14 अगस्त तक विशेष तबादले किए जाएंगे. इसीलिए राज्य भर में फिलहाल कर्मचारियों के तबादलों पर ध्यान लगा है. वहीं दूसरी ओर शिक्षकों को भी फिर एक बार तबादलों के लिए पत्र व्यवहार करना पड़ रहा है. बावजूद इसके इस वर्ष शिक्षकों के तबादलों को लेकर इतनी जल्दी फैसला होना असंभव दिख रहा है. और 3 माह शिक्षकों को तबादलों के लिए इंतजार करना पड़ेगा.
सॉफ्टवेयर में मर्यादा से परेशानी
शिक्षकों के तबादले के लिए नया सॉफ्टवेयर तैयार करना आवश्यक है. उसके लिए कम से कम 3 माह का समय लगेगा. पंकजा मुंडे जब ग्राम विकास मंत्री थी, तब उन्होंने शिक्षकों के तबादले ऑनलाइन और केंद्रीय पद्धति से करने की नीति अपनाई थी. इस सरकार ने वहीं नीति कायम रखी. सॉफ्टवेयर से तबादले किए गए थे. इसीलिए उसमें कुछ गलतियां और साफ्टवेयर की मदद व मर्यादा से कुछ तबादले गलत जगह पर हुए थे.
इसीलिए वर्तमान सरकार ने शिक्षकों के तबादलों को लेकर और नीति तय करने के लिए 5 सदस्यीय समिति गठित की. इस समिति ने तबादलों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सॉफ्टवेयर में मर्यादा रहने से वह कार्रवाई होने की रिपोर्ट बनाई. साथ ही समिति ने नए सॉफ्टवेयर तैयार करने के बाद ही तबादले करने की सिफारिश राज्य सरकार से की. जिससे अब शिक्षकों को तबादलों के लिए 3 माह तक इंतजार करना पड़ेगा.
2 वर्षों से नहीं हुए तबादले
शिक्षा विभाग में शिक्षकों की सैकड़ों जगह रिक्त पड़ी है पदोन्नति होना आवश्यक है. शिक्षकों के रिक्त जगह भी तुरंत भरना जरूरी है. अंतर जिला व जिला अंतर्गत तबादले करते समय सरकार को कुछ नियमों में बदलाव करना होगा. गत् 2 वर्षों से शिक्षकों के तबादले नहीं हुए हैं. अति दुर्लभ क्षेत्र में काम करने वाले शिक्षक, शिक्षिकाओं के तबादले होना भी जरूरी है.
शासन निर्णय के अनुसार उनकी जगह और सेवा काल समाप्त हो चुका है. पिछली बार हुए तबादलों में कुछ प्रकरण में प्रविष्ट हुए न्याय प्रविष्ठ प्रकरणों से तबादले में समस्या निर्माण हुई अदालत की सूचना पर शिक्षकों का समुपदेशन लेकर उन्हें रिक्त स्थान पर पदस्थापना दी तो अदालत के मामले समाप्त हो जाएंगे. 2021 में शिक्षकों के तबादले का मार्ग खुला हो जाएंगा.