
नांदगांव खंडेश्वर. महाराष्ट्र की जनवाहिनी राज्य परिवहन विभाग की लालपरी गत् 40 दिनों से बंद है. राज्य सरकार में विलीनीकरण की मांग को लेकर कर्मचारियों व्दारा बंद का आंदोलन छेड़ा गया है. एसटी बंद रहने से निजी वाहन चालक दाम दुगने पैसे वसूल रहे है. जिसके कारण शालेय छात्रों का सर्वाधिक नुकसान हो रहा है. एसटी के अभाव में छात्र स्कूल भी नहीं जा पा रहे है. जिसके चलते एसटी बस शुरू करने की मांग आम नागरिकों द्वारा की जा रही है.
ज्येष्ठ नागरिकों को मिले सहुलियत
एसटी महामंडल की महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों की लाइफ लाइन है. ग्रामीण क्षेत्र से शहर तक सभी लोग आने जाने के लिए एसटी का इस्तेमाल करते है. जिसके कारण विद्यार्थी, विकलांग, ज्येष्ठ नागरिकों को यात्राओं में सहुलियत मिलती है. जिसके कारण उन्हें जीने के लिए भी मदद होती है. गत् एक माह से अधिक समय होने के बावजूद एसटी की हड़ताल समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है. इसलिए जल्द से जल्द उपाय योजना करनी चाहिए.- बाबाराव इंगले, ज्येष्ठ नागरिक शिवणी रसुलापुर
निजी वाहन वसूलते है दुगने पैसे
एसटी की हडताल शुरु रहने से निजी यातायात वाले उसका गैरफायदा उठा रहे है. दाम दुगने दरों से पैसे वसूल रहे है. सरकार ने जल्द से जल्द इस हडताल को मिटाना चाहिए. कर्मचारियों का समाधान कर आगे की लडाई अदालत में करनी चाहिए. जनता को इसका नुकसान उठाना पड रहा है.- देवेंद्र कंठाले, सामाजिक कार्यकर्ता
एसटी कर्मी हड़ताल को ज्यादा खींचे नहीं
एसटी कर्मियों ने उन पर हो रहे अन्याय के खिलाफ लड़ना चाहिए लेकिन उसके लिए ज्यादा खिंचना नहीं चाहिए. सरकार ने कुछ मांगे मंजूर कर ली है उस पर संतोष करना चाहिए. दूसरी ओर जनता को परेशानी हो रही है. एसटी महामंडल यदि निजी हो जाता है तो यातायात भी निजी हो जाएगी. जिसे कारण एसटी कर्मी भी अधिक वेतन बढोतरी नहीं मांग सकेंगे.- ओंकार ठाकरे, नांदगांव खंडेश्वर