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प्रतीकात्मक तस्वीर

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    अमरावती. अचलपुर पंचायत समिति अंतर्गत शिक्षकों के कई समस्या प्रलंबित रहने से 21 जून को प्रहार शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों ने अचलपुर पंचायत समिति के बीडिओ के कक्ष में क्या दिया जब तक मांगें मंजूर नहीं होती तब तक ना उठने का निर्णय लेने के कारण प्रशासन को भी शिक्षकों को नियमों का पाठ पढ़ाना पड़ा. गुट विकास अधिकारी जयंत बाबरे को शिक्षकों ने इस समय समस्या का पढ़ा पढ़ाया. जिस पर 15 दिनों के भीतर समस्या का निपटारा करने का आश्वासन बीडीओ बाबरे ने दिया.

    प्रहार शिक्षक संगठन के राज्य अध्यक्ष महेश ठाकरे के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन में बताया कि ग्राम विकास विभाग द्वारा 7 अप्रैल 2021 के अनुसार शासन निर्णय में दर्ज नियम के अनुसार जिला परिषद शिक्षकों के तबादलों के लिए सुधारित नीति में तहसील के दुर्लभ क्षेत्र घोषित करते समय परिशिष्ट एक के अनुसार 7 निकषों में से 3 निकषों की पूर्ति करने वाले गांव का समावेश किया जाना चाहिए था.

    यह क्षेत्र जिला स्तर से घोषित होना क्रम प्राप्त है ऐसा होते हुए भी जिला अंतर्गत तबादलों में शिक्षक सेवा जेष्ठ सूची क्षेत्र निहाय प्रसिद्ध की. अभी तक जिला परिषद की ओर से शासन निर्णय अनुसार किसी भी प्रकार के दुर्लक्षित क्षेत्र घोषित नहीं किए हैं, बावजूद इसके सेवा जेष्ठता सूची कैसे प्रकाशित की. वह रद्द करें ऐसी मांग की गई.

    कटौती की रकम जमा करें

    वर्ष 2019 के अगस्त सितंबर अक्टूबर-नवंबर इन 4 माह में वेतन से पतसंस्था की कटौती प्रतिमाह ₹7000 अचलपुर पंचायत समिति कार्यालय ने की है. वह 4 महीने की कटौती अभी तक प्राप्त संस्था को प्राप्त नहीं हुई है. इसीलिए यह कटौती तुरंत जमा करने के साथ ही लंबित मांगों को लेकर चर्चा की गई.

    शिक्षकों के चयन श्रेणी के प्रस्ताव तत्काल जिला परिषद भेजने की मांग की गई. साथ ही शिक्षक दादाराव पलसकर, शालिनी शेलके, वर्षा लंगड़े तथा अन्य शिक्षकों की प्रलंबित अवकाश कालावधी का वेतन अदा करने की मांग की गई. इस समय उनके साथ संगठन के अमोल वर्हेकर, शरद काले, गुटशिक्षणाधिकारी मनवरकर आदि उपस्थित थे.