प्रतीकात्मक तस्वीर
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    चुरणी. चिखलदरा तहसील अंतर्गत काटकुंभ स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत पिपल्या गांव में एक गर्भवती की महिला की अस्पताल में पहुंचने से पहले ही रास्ते में मौत हो गई. मृतक गर्भवती बुदिया कासदेकर (26) है. इस घटना से मेलघाट की स्वास्थ्य व्यवस्था फिर एक बार संदेह के घेरे में आ गई है. मेलघाट में स्वास्थ्य व्यवस्था पर करोडों रुपए फूंकने के बाद भी माता मौतों का दौर बदस्तूर जारी है. उल्लेखनीय है कि जब इस महिला को अस्पताल में ले जाया जा रहा था, तब एक भी स्वास्थ्य कर्मी साथ नहीं था.

    एम्बुलेंस में तोडा दम

    कटकुंभ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत पिपल्या गांव की गर्भवती बुदिया कासदेकर (26) हाय रिस्क के रुप में दर्ज है. 28 दिसंबर को उसे प्रसव पीडा शुरू हुई. लेकिन, गांव में कोई स्वास्थ्यकर्मी उपलब्ध नहीं होने के कारण गांव की दाई ने बच्चे को जन्म देने का प्रयास किया. दाई को जन्म देने में कठिनाई महसूस होते ही उन्होंने तुरंत महिला को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने का फैसला किया.

    उसके बाद रात करीब 11 बजे आशा सेविका समेत उनके परिवार के सदस्यों को एंबुलेंस से चुरणी ग्रामीण अस्पताल पहुंचाया गया. लेकिन रास्ते में ही महिला की एंबुलेंस में मौत हो गई. पता चला है कि इस समय गर्भवती महिला के साथ कोई स्वास्थ्यकर्मी मौजूद नहीं था.

    नहीं हुई सोनोग्राफी

    चौंकाने वाला तथ्य यह है कि जब एक गर्भवती महिला पांचवीं बार गर्भवती हो रही है और हाइ रिस्क श्रेणी में दर्ज है, तब भी उसकी कभी सोनोग्राफी नहीं की गई. उस समय स्वास्थ्यकर्मी कहां थे, यह सवाल अब उठाया जा रहा है. पोस्टमार्टम के बाद ही गर्भवती महिला की मौत के कारणों का पता चलेगा.

    पीएम के बाद स्पष्ट होगा कारण

    गर्भवती अस्पताल में भर्ती हुई तब मृत थी. प्रारंभिक अनुमान है कि घर या रास्ते में अत्यधिक रक्तस्राव से उसकी मृत्यु हुई हो. उसके लिए महिला का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. उल्लेखनीय है कि इनका कोई मेडिकल रिकॉर्ड नहीं था.- डा. रोशन इंगले, वैद्यकीय अधिकारी, ग्रामीण अस्पताल, चुरणी

    मौत की जांच होगी

    चूरणीअस्पताल में महिला की मौत होने की जानकारी मिल है. लेकिन मौत के कारणों की जांच की जाएगी. उसके बाद असली वजह सामने आएगी.- डा. रागेश्री माहूरकर, वैद्यकीय अधिकारी, काटकुंभ पीएचसी