अमरावती. लातूर जिला परिषद ने माता पिता को परेशान करनेवाले जिला परिषद कर्मचारियों के लिए प्रस्ताव जारी किया है. उसी प्रस्ताव को अमरावती जिला परिषद में भी लागू करने का निर्णय जिला परिषद अध्यक्ष बबलू देशमुख ने लिया है. हालांकि इस प्रस्ताव पर कानूनी विशेषज्ञों द्वारा जानकारी ली जा रही है. जिसे जल्द ही आमसभा में लाकर पारित किया जाएगा. इस निर्णय से निश्चित ही आर्थिक रुप से टूट चुके माता पिता को राहत मिलेगी. जो कर्मचारी अपने माता पिता का पालन पोषण करने में लापरवाही करता है ऐसे माता पिता की यदि शिकायत प्राप्त होती है तो निश्चित ही उस कर्मचारी के वेतन से 33 प्रतिशत रकम काटकर माता पिता के खातों में जमा कर दी जाएगी.
मुंबई हाईकोर्ट के आदेशों का पालन
जिला परिषद अध्यक्ष बबलू देशमुख ने कहा कि लातूर जिला परिषद जब यह प्रस्ताव पारित कर सकती है तो निश्चित ही अमरावती जिला परिषद में भी लागू हो सकता है और यह प्रस्ताव किसी के मन से नहीं तो मुंबई हाईकोर्ट के आदेशों पर तैयार किया गया है. मुंबई हाईकोर्ट ने माता पिता की देखभाल न करनेवाले कर्मचारियों के संदर्भ में आदेश जारी किए है. संस्थान ऐसे कर्मचारियों के वेतन में नियमों के तहत कटौती कर उनके माता पिता को वेतन की राशि दे सकते है. इसके बाद राज्य में लातूर जिप ने इस तरह का पहला निर्णय लिया है. अब अमरावती जिप में भी इसी नियम को लागू करने की बात कहीं जा रही है.
समाजहित में बेहतर निर्णय
लातूर जिला परिषद में पारित किए गए प्रस्ताव को पढ़ा जा रहा है. इस संदर्भ में क्या बेहतर उपाय किए जा सकते है इसको लेकर भी कानूनी विशेषज्ञों से राय मांगी गई है. हम जल्द ही इस तरह के प्रस्ताव को पारित करेंगे. जो समाज हित में एक बेहतर निर्णय साबित होगा. इस निर्णय के माध्यम से कर्मचारी माता पिता की देखभाल के प्रति और गंभीर होंगे तथा सामाजिक स्थिति में भी बदलाव लाया जा सकेगा.- बबलू देशमुख जेडपी अध्यक्ष
निर्णय पर अमल होगा
किसी माता पिता का कर्मचारी ध्यान नहीं रखता है तो वह एसबीएम के पास जा सकता है. एसबीएम जितना आर्डर करेंगे उतना निर्वाह भत्ता उनके खाते में डाला जाएगा. इस तरह का सिनीअर सिटीजन एक्ट भी है. यदि जिप की आमसभा में इस तरह का कोई प्रस्ताव पारित किया जाता है तो निश्चित ही उस प्रस्ताव का स्वागत कर लागू किया जाएगा.- अमोल येडगे, जेडपी सीईओ