जिले में बारिश का कहर, कई गांव जलमय

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    • हजारों हेक्टेयर खेतों में क्षति
    • अनेक घरों में घूसा पानी

    अमरावती: जिले के अनेक तहसीलों में सोमवार की मध्यरात्रि से मंगलवार की सुबह तक बारिश ने जमकर कहर बरपाया. तिवसा, मोर्शी, धामणगांव रेलवे, चांदूर बाजार तहसील में अतिवृष्टि होने के साथ वरुड, धारणी तहसील में भी मूसलाधार बारिश ने हाहाकार मचाया है. रातभर बरसी इस बरसात से कई गांव जलमय हो गए. जिससे हजारों हेक्टेयर खेत बरबाद होन के साथ अनेक घरों में पानी घुस गया है. 

    मोर्शी में बादल फटने से तबाही 

    मोर्शी तहसील के रात करीब 3 बजे से शुरू हुई तूफानी बारिश ने ग्राम में तबाही मचा दी. यहां 70 प्रति बुआई हो चुकी थी. ऐसे में देर रात हुई बारिश ने निकली हुई फसल को पूरी तरह तबाह कर दिया. खेतों में बने बांध भी पूरी तरह जमीनदोस्त हो चुके हैं. मोर्शी के उपविभागीय अधिकारी नितिनकुमार हिंगोले, तहसीलदार सागर ढवले ने तड़के नुकसान ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लिया और संबंधित पटवारियों के साथ-साथ सभी संबंधित अधिकारियों को नुकसान का पंचनामा करने के आदेश दिए है.

    हिंगोले ने स्थानीय दलितवस्ती में पानी भर जाने के कारण हुए नुकसान का भी जायजा लिया. रिद्धपुर मंडल के पटवारी राजेश संतापे को क्षतिग्रस्त मकानों के पंचनामे करने के आदेश दिए. सांसद अनिल बोंडे भी दलित वस्ती पहुंचकर नुकसान का जायजा लेकर सरकारर मदद का आश्वासन दिया.

    इस समय जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष दत्ता ढोमने, तहसील दक्षता कमेटी के प्रमोद हरणे महंत राजेंद्र वाईंदेशकर  मनोज कडु  गजानन चौधरी मौजूद थे. प्रशासन की प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार मोर्शी तहसील में 3007 हेक्टेयर में खेती का नुकसान हुआ. 700 हेक्टेयर खेत जमीन बह गई. 572 घरों में पानी घुसा है. जबकि 40 घर आंशिक क्षतिग्रस्त हुए है.

    7 में से 6 सर्कल में अतिवृष्टि

    मोर्शी तहसील के कुल 7 मंडलों में से 6 मंडलों में अतिवृष्टि हुई है. सैकड़ों हेक्टर जमीन प्रभावित हुई है सुबह से ही. सभी मंडल अधिकारियों के संपर्क में है. नुकसान ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा भी लिया गया. सभी पटवारियों को जिलाधिकारी के आदेश पर पंचनामा करने के आदेश दे दिए गए हैं. फिलहाल नुकसानग्रस्त खेतों में जाकर पंचनामा करना संभव नहीं है. समय मिलते ही मंडल अधिकारियों के साथ नुकसान ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेकर जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपी जायेगी.- नितिन कुमार हिंगोले, उपविभागीय अधिकारी (मोर्शी)

    चांदूर बाजार में हूआ जलामय

    विगत रात से तहसील मे तेज बारिश शुरु हुई. तहसील से सटे मध्यप्रदेश व सतपुडा पहाड़ी पर भी विगत रात से तेज बारिश शुरु है. जिसके कारण शहर से गुजरने वाले नाले मे बाढ जैसी स्थिति देखने मिली. मंगलवार की सुबह 6 बजे जब माली पूरा, जज धर्माल पूरा, रामभट प्लॉट, टिपु सुलतान चौक सहित अन्य परिसर के लोग नींद से जागे तब उनके घरों मे मे पानी घुस चुका था. शहर से सटकर गुजरने वाले नाले के तेज बहाव ने कई जगहों से रास्ता बना लिया, जो सैकडों नागरीकों के घरो मे घुस गया.

    जिसके कारण कई घर धराशाई हो गए. घरों में रखा सामान, कपडे, अनाज पूरी तरह बर्बाद हो गया. कई घरों की दिवारें ढह गई, तो कइयों की छतें, कई घर पूरी तरह जमींदोज हो गए. तहसीलदार धीरज स्थुल भी अपने दलबल के साथ मौके पर मौजूद थे. चांदूर बाजार तहसील कार्यालय के अनुसा लगभग 390 घरों में पानी घुसा है. सभी परिवारों को नप उर्दू शाला, नप टाऊन हाल में स्थानांतरीत किया गया है. नुकसान के पंचनामा के लिए अलग अलग टीमे तैनात की गई है.   

    मुआवजा दिलाने का प्रयास

    पीड़ितों को जल्द से जल्द सरकार की ओर से मदद मिले, इसकी पूरी कोशिश की जाएगी. साथ ही इस तरह की कोई और अनहोनि ना हो इसके लिए सरकार को नाले के दोनो ओर वॉल बनाने की मांग तुरंत की जायेगी.- धीरज स्थूल, तहसीलदार, चांदूर बाजार

    कुर्हा में डूबे खेत, मवेशी बहे 

    मुसलाधार बारिश ने कुर्हा वासियों तथा किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं. सोमवार के मध्यरात्रि में हुई भारी बारिश और बादल फटने की घटना से कुर्हा क्षेत्र के वडली, मरदा, छिडवाड़ी, कौंडन्यापुर, मिर्चापुर, आखतवाडा, भारसवाड़ी, वरखेड़ क्षेत्र के खेतों की फसलें पूर्णत: बाढ़ में डूब गई और नष्ट हो गयी. बाढ़ के मारे कुछ लोगों के जानवर तथा टिन शेड भी बह गए. गांववासियों का भारी नुकसान होने के बाद भी अधिकारियों द्वारा क्षेत्रों का दौरा कर पंचनामा ना किए जाने से सभी क्षेत्र वासी काफी संतप्त हैं.

    अधिकारी स्थिति का प्रत्यक्ष जायजा लेकर जल्द से जल्द पंजनामा करे ऐसी उनकी मांग है. इस वर्ष खरीफ सीजन की बुआई काफी देर से शुरू हुई थी और ऐसे में यह बाढ़ के आजाने से अब किसान और परेशानियों में घीर गया है. गांव के रवींद्र घुराडे की तीन बकरियां तथा दो चूजे और निकू पुंसे की दो बकरियां व एक चूजा व पवन जदाये, नामदेव निघोट की मुर्गियां व टिन की चादरें बाढ़ के पानी में बह गई. बाढ़ जैसे हालातों से कुएं भी ढह गए है. 

    देवरी-निपाणी मार्ग के पगडंडी रास्ते बहे, गांव में घूसा पानी

    भारी बारिश से गांव तथा आस-पास के इलाके जलमय हो गए. एक तरफ जहां बारिश की मार से देवरी-निपाणी मार्ग के पगडंडी रास्ते भी बह गए है. वहीं दूसरी ओर साऊर मार्ग पर पेड गिर जाने से करीब 4 घंटे यातायात ठप रहा. नाले में भी बाढ़ के हालात रहे. माह के शुरूआती कुछ दिनों में बारिश का अता-पता नहीं था. इसलिए तहसील में केवल 19 प्रतिशत ही बुआई की गई. लेकिन टाकरखेड़ा संभू में अब तक बुआई की शुरूआत नहीं हुई थी, लेकिन रविवार की बारिश के बाद किसान बुआई में जुट गए, लेकिन मंगलवार तड़के हुई बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है. 

    नांदगांववासियों के घरों में घुसा पानी

    नांदगांव पेठ सहित देवरा, देवरी, दाभेरी, वालकी जैसे गांवों को मूसलाधार बारिश की मार झेलनी पड़ी. बारिश का बहता पानी गांव के कई घरों में भी घुसा जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ. आस-पास के इलाकों में स्थित कुछ खेतों में तो लबालब पानी भर गया. जिससे फसलें भी पुरी तरह से बर्बाद हो गई है. पावरहाऊस परिसर में खोदे गए गड्ढ़ों में भी पानी भर गया है. 

    तिवसा में बादल फटने से हाहाकार 

    बादल फटने व जोरदार बारिश से तिवसा के अनेक इलाके जलमय हो गए. रात 2 बजे से शुरू बारिश के कारण सुबह तक सभी नदी नाले उफान पर आ गए. कई घरों में पानी घुसा. एक महिला व उसके नवजात बालक को तो घर में भरे पानी के साथ ही रात गुजारनी पड़ी. इतनी भारी मात्रा में वर्षा होने से गांव में सारी जीवनावश्यक वस्तूएं तथा अनाज का बड़ा नुकसान हुआ है. घटना की गंभीरता देखते हुए प्रशासन मदद के कार्यों में जूट गया है. 

    5 जुलाई की रिपोर्ट अनुसार तहसीलनिहाय दर्ज बारिश (मिमी में)

    तिवसा 125.5

    मोर्शी 91.6

    धामणगांव रेलवे 72.3

    अमरावती 67.5

    चांदूर बाजार 60.0

    वरुड 59.7

    धारणी 48.4

    चांदूर रेलवे 37.7

    अचलपुर 36.9

    भातकुली 29.8

    चिखलदरा 29.4

    नांदगांव खंडेश्वर 27.8

    अंजनगांव सुर्जी 27.0

    दर्यापुर 21.3

    औसत 52.5