Cyclone Gulab likely to strengthen and move towards Pakistan: Indian Meteorological Department
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    पथ्रोट. किसानों की बेसब्री से बारिश के इंतजार के बीच शुक्रवार दोपहर को क्षेत्र में जमकर बरसात हुई. जिसमें मेलघाट नीचे बसे जनुना गांव में अनेक घरों की छतें उड़ गईं. बुवाई के मौसम की शुरुआत में ही पहली बारिश से जनुना गांव में अनेक घरों की छत और टिन उड़ कर काफी नुकसान हुआ. तूफानी बारिश से गजानन शंकर येने, मोतीराम मोती बेलसरे, नथ्थु पिराजी झिटे समेत 22 घरों की छतें उडने से उनका परिवार सडक पर आ गया है.

    दो दिन चला पंचनामा

    जनुनवासियां ​​ने पटवारी को घटना की जानकारी दी. जिसके बाद शनिवार और रविवार को पटवारी बलिराम देवकते और आशीष वानखड़े के साथ सरपंच महानर ने नुकसान का पंचनामा किया. जनुना गांव में घरों की छतें कवेलु की अधिक है. जो भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गई हैं. पंचनामा प्रक्रिया के बाद रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारी को भेजने की जानकारी बलीराम देवकते ने दी है. 

    केले, संतरा बाग तबाह

    इस बारिश से पथ्रोट परिसर में केले के साथ संतरे के बाग क्षतिग्रस्त हो गए. गोपाल थोरात के संतरे के बाग में लगे संतरा, आम और आंवले के पेड़ जड़ों से उखडे है. जिससे तूफान की तीव्रता का अंदाजा लगाया जा सकता है. तेज हवा से केले के बाग में लगे पेड़ उखड़ गए. साथ ही संतरे के पेड़ पर लगे अंबिया बहारा का संतरा फल गिर गया है. जिससे संतरा तथा केला उत्पादक फिर से संकट में फंस गए है.

    पहले से ही विभिन्न संकटों से थक चुके किसान आर्थिक रूप से पीड़ित हैं. 11 जून को सहायक कृषि अधिकारी रोहित गावंडे ने मौजा जवलापुर शिवार में केले के बाग का निरीक्षण किया. जिसमें पता चला कि अनिल काले के 1 हेक्टेयर क्षेत्र के 800 पेड़ क्षतिग्रस्त हुए हैं. नुकसान पंचनामा किया गया है. जल्द ही वरिष्ठ अधिकारियों को नुकसान की रिपोर्ट भेजी जाने की बात उन्होंने कही.

    सरकार दे मुआवजा

    तूफानी बारिश से मेरे खेत में लगभग 50 प्रतिशत नुकसान हुआ है. जिसके चलते मैंने सरकार से मुआवजे की मांग की है.- अनिल काले, केला उत्पादक, पथ्रोट.