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    अमरावती.  कोरोना की पृष्ठभूमि में जिला प्रशासन ने 4 फरवरी तक स्कूल बंद रखने का फैसला लिया था. लेकिन शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों की ओर से भी स्कूल शुरू करने की मांग की जा रही है. इसलिए जिला परिषद शिक्षा अधिकारी ने जिला कलेक्टर को कोरोना रोकथाम नियम का पालन करते हुए जिले में 5वीं से 12वीं तक की कक्षाएं शुरू करने के संबंध में प्रस्ताव भेजा है. जिससे जिले में सोमवार 7 फरवरी से स्कुलें शुरू होने की संभावना है.

    6 जनवरी से बंद है स्कूलें

    कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण राज्य में 6 जनवरी से स्कुलों को बंद रखने का निर्णय लिया गया. लेकिन छात्रों के शैक्षणिक नुकसान को देखते हुए अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षकों ने भी स्कूल शुरू करने की मांग की थी. इसलिए राज्य सरकार ने 24 जनवरी से स्कूलों को खोलने के अधिकार स्थानीय प्रशासन को बहाल किए है.

    प्रशासन को स्थिति की समीक्षा के बाद स्कुलों को शुरू करने की इजाजत दे दी गई है. लेकिन जिले में कोरोना का बढ़ता संक्रमण देखते हुए 4 फरवरी तक स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया गया. लेकिन अब जिले में ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने की मांग बढ़ रही है. जिले में कोरोना के घटते मामलों को देखते हुए पर्यटन स्थलों को शुरू करने की अनुमति दे दी गई है. तो उम्मीद है कि स्कूल भी शुरू हो जाएंगे.

    जिला परिषद शिक्षा अधिकारी ने जिला कलेक्टर पवनीत कौर को भी कोरोना के नियमों का पालन करते हुए कक्षा 5 से 12 तक की स्कुलें शुरू करने का प्रस्ताव भेजा है. हालांकि जिला प्रशासन ने इस संबंध में 4 फरवरी की देर रात तक कोई फैसला नहीं लिया है. लेकिन सोमवार 7 फरवरी से जिले में 5वीं से 12वीं तक की कक्षाएं शुरू होने की संभावना है.

    कलेक्टर को भेजा प्रस्ताव

    जिला कलेक्टर पवनीत कौर को कोरोना नियमों का पालन करते हुए जिले में कक्षा 5 से 12 तक की स्कुलें शुरू करने का प्रस्ताव भेजा गया है. लेकिन अभी तक उस प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं हुआ है. स्कूल शुरू करने का निर्णय जिला कलेक्टर पर निर्भर है.

    -ई.जेड. खान, प्राथमिक शिक्षा अधिकारी जिला परिषद