अमरावती. एसटी महामंडल के कर्मचारियों की हड़ताल तीसरे दिन सोमवार को भी शुरू रही. जिससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है. दूसरी ओर निजी ट्रांसपोर्टर मनमाना किराया वसूल कर चांदी काट रहे है. राज्य सरकार में शामिल करने की प्रमुख मांगों को लेकर शनिवार (6 नवंबर) से चरणबद्ध तरीके से शुरू हुई हड़ताल का असर पूरे जिले में देखा गया है.
जिले के सभी 15 डिपो ठप
अमरावती जिले के सभी 15 डिपो के कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए हैं. जिले के करीब 1100 बसें बंद हैं. जिससे यात्रियों के वांदे हो रहे है. ऐन उत्सव के दिनों में एसटी बस बंद होने से नागरिक छुट्टी का आनंद नहीं उठा पा रहे है. यदि आम जनता परिवार के साथ बाहर जाना चाहती हैं, तो एसटी बस जनता के लिए यात्रा का एक उचित साधन है.
लेकिन बस के पहिए थमने से आम जनता को घर पर ही रहना पड़ रहा है. वहीं मुंबई, पुणे और औरंगाबाद में अपनी ड्यूटी पर लौट रहे कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. इस बीच, ट्रैवल एजेंटों ने अपनी दरों में कटौती की है, जिससे कर्मचारियों की जेब पर बोझ पड़ा है.
ग्रामीण यात्रियों की दिक्कतें और बढी
तहसील के ग्रामीण भाग में आज भी बैंक, अस्पताल व मेडिकल जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को तहसील मुख्यालय जाना पडता है. राज्य परिवहन निगम की बस सेवा में बुजुर्ग व्यक्ती व बच्चों को यात्रा में विशेष छूट दी जाती है. लेकिन निजी वाहनों में उन्हे अधिक पैसे देने पड रहे है. आगामी 10 नवबंर से स्कूलें शुरू होनी है. फिलहाल तहसील में निजी क्लासेस शुरू है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों की आवाजाही में बडी समस्या खडी हो गई है.