तलेगांव दशासर. पिछले एक माह से लगातार बरसात की हाज़री ने किसानों की आशाओं पर पानी फेर दिया है. जबकि खेतो में खड़ी लहलहाती सोयाबीन, कपास व तुअर की फसलें फ़िर बारिश की वापसी से पानी में समा गयीं हैं. उल्लेखनीय है कि पिछले एक माह से लगभग बरसात की मुसलधार व कही बादलों के फटने से कहर मच गया है. कई लोग बेघर तो कई लोग नदी,नालों की बाढ़ में बहने से जान व माली तौर पर बेसहारा हो चुके है.
सीजन की शुरूआत में देर से आयी बारिश ने किसानों को राहत दी. जून के अंत व जुलाई के आरंभ से अच्छी उपस्थिति से जगा दी थी. लेकिन बारिश की लागातार व जोरदार हाज़री ने उनकी आंस पर पानी फेर दिया. अब कहीं 20-25 दिनों बाद बारिश ने थोड़ा विराम लिया था और किसानों की आंखों में रौनक लौटी थी तथा खेतों में खरपतवार के कार्यों की ओर किसानों ने अपना सबकुछ लगा दीया था. लेकिन दो ,तीन दिनों से बरसात ने पुनः सर्वत्र हाहाकार मचा दिया है.
चार,पांच दिनों की छुट्टी के बाद सूरज चमका व ज़बरदस्त धूप निकली थी. जिससे खेतो की फसलें सुधर रही थी लेकिन फिर बरसात ने खेतो में व नदी,नालों में पानी, पानी करने से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है. खेतों में तालाब सा नज़ारा तो फसलें पानी की भेंट चढ़ गई हैं.अब किसानों के लिए सरकारी मदद ही उनके आंसू पोछने हेतु दरकार है. सोयाबीन जैसी नगद फसल जो इस वर्ष भी पहली पसंद के रूप में अधिक बुआई की गयीं हैं, वह बारिश की भेंट चढ़ने से किसानों की लागत तो दूर मजदूरी हेतु भी महंगी साबित होंगी.