नंदनवन की राह पर नरक यातनाएं-  जानलेवा बना चिखलदरा घाट मार्ग

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अमरावती. विदर्भ के एक अकेले हिल स्टेशन चिखलदरा के मार्ग पर पर्यटकों को नरक यातनाएं सहनी पडने विवश होना पड़ रहा है. यह मार्ग अत्यंत खराब होने से वाहन फिसलकर कब सैलानी की जान चली जाए, इसका कोई भरोसा नहीं. इस रास्ते की दशा इतनी दयनीय होने के बावजूद जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन कतई गंभीर नहीं है. राज्य सरकार को राजस्व आय के नाम पर मोटी कमाई देने वाले इस पर्यटन स्थल की राह बिकट होने से सैलानी भी यहां आने से अब कतराने लगे है. जबकि दूसरी तरफ जिला प्रशासन पर्यटन व इससे रोजगार को बढ़ावा देने की बातें करने में ही मग्न है. 

उदासीनता जिम्मेदार

एक ओर चिखलदरा के अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में बड़े पैमाने में शुरू उत्खनन के बीच वन विभाग ने अतिसंवेदनशील क्षेत्र के नाम पर चिखलदरा मार्ग का निर्माण भी रोक रखा था. सडक निर्माण के लिए आज कल में मान्यता मिलेगी इस इंतजार में ठेकेदार भी तैयार बैठा था. लेकिन कई माह बीत जाने पर भी मान्यता नहीं मिलने से ठेकेदार भी अपना बोरिया बिस्तर समेटकर चला गया. अब जाकर वन विभाग ने सडक निर्माण को अनुमति दी है. लेकिन अब कोई ठेकेदार सड़क निर्माण के लिए तैयार नहीं है. जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन व वन विभाग की उदासीनता का ही यह नतीजा है. 

दुर्घटनाएं बदस्तुर 

गुलाबी ठंड़ की शुरुआत से ही दिवाली के बाद और अब क्रिसमस की छुट्टियों में, शनिवार और रविवार को चिखलदरा में पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है. जिले के ही नहीं, बल्कि जिले के बाहर से भी पर्यटक बड़ी संख्या में चिखलदरा पहुंच रहे है. लेकिन चिखलदरा की शुरुआत में ही सड़कों के गड्ढें देखकर वे निराशा हो रहे है. गिट्टी की परत के कारण सड़कों पर फिसलन की संभावना रहती है. उसी प्रकार यात्रा के दौरान गड्ढों को बचाने के चक्कर में रोजाना दुपहिया और चार पहिया वाहनों में दुर्घटनाएं हो रही है. यदि अब भी कुंभकर्णी नींद से नहीं जागे तो यहां होने वाले बड़े हादसे के लिए जनप्रतिनिधि व प्रशासन को जिम्मेदार ठहराना होगा.

अब तक रहा फारेस्ट का अड़ंगा

परतवाड़ा से चिखलदरा व घटांग तक कुल 52 किलो मीटर के मार्ग पर कुछ जगह कांक्रीटीकरण व कुछ जगह डामरीकरण का ठेका वेलफन्स कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है. हालांकि परतवाड़ा से धामणगांव गढ़ी तक काम लगभग निपट चुका है. केवल फारेस्ट की अनुमति नहीं मिल पाने के कारण धामणगांव गढ़ी से चिखलदरा घाट मार्ग पर सड़क निर्माण का काम शुरू नहीं हो पा रहा था. अभी डेढ़ माह पूर्व वन विभाग ने परमिशन दी है. जल्द काम शुरु होगा. पर्यटन नगरी का घाट मार्ग सुरक्षित व आरामदायी बनाने पूरी कोशिश जारी है. – चंद्रकांत मेहत्रे, कार्यकारी अभियंता लोनिवि अचलपुर