अमरावती. जिले के सबसे बडे डैम अप्पर वर्धा में इस वर्ष पर्याप्त पानी उपलब्ध है. जिससे सिंचाई विभाग ने किसानों को रबी सीजन के लिए पांच 5 चरणों में पानी उपलब्ध कराने का नियोजन किया है. अप्पर वर्धा सिंचाई विभाग के शाखा कार्यालयों में पानी की मांग के लिए आवेदन पत्र नि:शुल्क उपलब्ध कराए गए हैं.
नवंबर अंत तक करें बुआई
सिंचाई विभाग रबी सीजन में गेहूं, चना, तुअर, कपास, मिर्च समेत चारा फसलों की सिंचाई के लिए किसानों को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराएगा. इन फसलों की समय सीमा 15 नवंबर से 31 मार्च 2022 है. जिससे किसान वर्ग अधिकतम नवंबर अंत तक गेहूं और चना फसल की बुआई करे. जिससे फसल की उत्पादकता बढ़ाने में मदद होगी. यह सुझाव सिंचाई विभाग ने किसानों को जारी किया है.
दो चरणों में तीन सप्ताह का अंतर
रबी सीजन के दौरान सिंचाई के पानी वितरण के दो चरणों की अवधि आम तौर पर 20 से 25 दिनों की होता है. किसान अपनी भूमि की ग्रेडिंग के अनुसार ही फसल नियोजन करे, यह सुझाव भी किसानों को दिया जा रहा है. जब तक हल्की मिट्टी में वैकल्पिक जल व्यवस्था न हो, तब तक मूंगफली जैसी फसल की बुआई ना करे. जब वितरण में पानी बह रहा हो तो लाभार्थी समय-समय पर कम या ज्यादा वितरण का दरवाजा खोलता है. नतीजतन उस वितरण पर बहते पानी का निर्वहन कमोबेश टेल टू हेड सिंचाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
इसलिए फसल को परिसंचरण के अनुसार पानी की आपूर्ति नहीं की जाती है. इससे प्रस्तावित वाटर शिफ्ट अवधि बढ़ जाती है. यदि लाभार्थी परिसंचरण कार्यक्रम के अनुसार रात और दिन की शिफ्टिंग विधि से फसलों की सिंचाई करते हैं, तो संभावित पानी की अवधि कम हो जाएगी और पानी अधिकतम हो जाएगा. यदि किसान पूरी परियोजना के लाभ क्षेत्र में कहीं भी अपने दरवाजे खोलकर टेल टू हेड तक सिंचाई में बाधा डालते हैं, तो पानी बर्बाद होगा और जल स्तर बढ़ जाएगा.
इसलिए नियोजित 22 दिवसीय वाटर शिफ्ट में अधिक समय लगेगा. यदि टेल टू हेड तक सिंचाई दिन-रात की जाती है, तो उपरोक्त जल परिवर्तन अवधि को 15 से 20 दिनों तक कम किया जा सकता है. अप्पर वर्धा के कार्यपालक अभियंताओं ने किसानों से इस संबंध में सहयोग करने की अपील की है.
रबी के लिए पानी छोडने की समयसारिनी
नहर में पानी छोड़ने की अवधि दिन
15 नवंबर से 5 दिसंबर 22 दिन
13 दिसंबर से 3 जनवरी 22 दिन
11 जनवरी से 27 जनवरी 17 दिन
4 फरवरी से 20 फरवरी 17 दिन
28 फरवरी से 15 मार्च 16 दिन