- महिला नेताओं, अधिकारियों ने प्रदेश में जिले में बढ़ती घटनाएं
अमरावती: अंबानगरी में समृद्ध सांस्कृतिक, विरासत और देवी-देवताओं का प्राचीन इतिहास है, लेकिन वर्तमान में अमरावती जिले में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न, छेड़खानी, शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना की घटनाएं भय का माहौल पैदा कर रही हैं. जिले में वरिष्ठ पदों पर महिला अधिकारी नियुक्त है, बावजूद इसके अभी भी जिले में महिलाओं से जुड़ी घटनाएं हो रही हैं.
इससे यह सवाल उठता है कि दोष विकृत मानसिकता का है या प्रशासनिक व्यवस्था का, महिलाओं का यौन उत्पीड़न कब रुकेगा ऐसा प्रश्न जिलेवासियों पूछ रहे है. जिले में उच्च पदों पर आसीन महिला नेता, पदाधिकारी एवं सरकारी अधिकारी इस ओर ध्यान दें और उपाय करें, तभी सही मायने में महिलाओं में सुरक्षा की भावना पैदा होगी
दो दिन में सामने आईं 3 घटनाएं
येवदा थाने में 17 साल की बच्ची का यौन शोषण पीड़िता गर्भवती हो गई. इस तनाव से पीड़ित युवती की आत्महत्या करने की घटना हाल ही में सामने आई है. दूसरी घटना में गाडगे नगर में थाना क्षेत्र में सामने आयी. पीड़िता गर्भवती हो गई व उसने एक बच्चे को जन्म दिया. पीड़िता की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ गाडगनेगर थाने में मामला दर्ज किया गया है.
तीसरी घटना तलेगांव दशासर थाने की सीमा में हुई.नराधन पिता ने अपनी नाबालिग बेटी का यौन शोषण किया और उसे जान से मारने की धमकी दी. हाल ही में ऐसी तीन घटनाएं सामने आई हैं. इससे पहले लोणी थाने में 15 साल व परतवाडा थाना क्षेत्र में 19 साल की बच्ची का यौन शोषण किया गया था. चिखलदरा थाना क्षेत्र के एक गांव में 8 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना 15 अगस्त को उजागर हुई थी.
प्रशासन नई व्यवस्था-ठाकरे
महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की घटनाएं देखते अब युवतियों की काउंसलिंग करने के लिए तथा उनका मनोबल बढ़ाने के लिए दामिनी दस्ते की तरह एक अलग अत्याचार विरोधी दस्ते जिला प्रशासन, पुलिस और सामाजिक संगठनों ने गठित करना चाहिए. ताकि युवाओं में नेतृत्व पैदा हो और ऐसी घटनाएं न हों,
इसके लिए यह टीम काम करेगी. समय आ गया है कि सरकार एक अलग यंत्रणा स्थापित करे और प्रत्येक वार्ड में जन जागरूकता अभियान शुरू करे. महिलाओं पर अत्याचार करने वालों को दंडित करने के लिए सरकार ने कडे नियम बनाने चाहिए तभी सही मायने में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार में कमी आएगी- सुरेखा ठाकरे, राकांपा, महाराष्ट्र सचिव (महिला)
महिला सुरक्षा के लिए नए उपाय करेंगे
महिला अत्याचार से संबंधित अपराध रोकने के लिए पुलिस की ओर से उपाय योजना शुरु है. वर्ष भर में महिलाओं से संबंधित अपराधों में कमी आयी है. महिला व युवतियों के लिए हेल्पलाइन कार्यन्वीत किया है. जिसके साथ पुलिस विभाग की ओर से महिलाओं को समुपदेशन किया जाता है.दामीनी दल के माध्यम से महिला सुरक्षा के लिए लगातार पेट्रोलिंग की जाती है. कुछ एनजीओ के साथ मिलकर पुलिस महिला सुरक्षा के लिए नए उपाय योजना चला रही है
डा.आरती सिंह, पुलिस आयुक्त
फोटो-12 आरती सिंह