sanjay raut
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मुंबई. महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) (Maharashtra Chief Minister’s Office) के एक ट्वीट में औरंगाबाद (Aurangabad) का जिक्र संभाजीनगर (Sambhaji Nagar) के तौर पर किए जाने की कांग्रेस (Congress) की आलोचना के कुछ दिन बाद शिवसेना नेता संजय राउत (Shivsena Sanjay Raut) ने शुक्रवार को प्रश्न किया कि क्या सरकारी दस्तावेजों में छत्रपति संभाजी महाराज (Chhatrapati Sambhaji Maharaj) के नाम का इस्तेमाल करना अपराध है? संभाजी, छत्रपति शिवाजी के बड़े बेटे थे।

गौरतलब है कि शिवसेना पिछले कुछ दशकों से मांग कर रही है कि औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर रखा जाए। हालांकि, पार्टी अब कांग्रेस के साथ गठबंधन में सरकार चला रही है, जो इसके विरोध में है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एवं कांग्रेस के राज्य इकाई के प्रमुख बालासाहेब थारोट (Balasaheb Thorat) यह स्पष्ट कर चुके हैं कि उनकी पार्टी औरंगाबाद का नाम बदले जाने के कदम का कड़ा विरोध करेगी।

सीएमओ ने दो दिन पहले मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में किये गए एक ट्वीट में कहा था, “संभाजीनगर (औरंगाबाद) में सरकारी मेडिकल कॉलेज में अतिरिक्त 165 बेड और 360 नए पदों के निर्माण को मंजूरी दी गई है।” महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं कांग्रेस नेता अमित देशमुख को ट्वीट में‘टैग’ किया गया है। नासिक में जब पत्रकारों ने राउत से इस बारे में पूछ तो, उन्होंने कहा सरकार मुख्यमंत्री के नाम पर चलती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ क्या छत्रपति संभाजी महाराज के नाम का इस्तेमाल सरकारी दस्तावेजों में करना अपराध है? यह लोगों की भवनाओं से जुड़ा है और सरकार लोगों की भावनाओं पर चलती है।” राउत ने कहा कि शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thakceray) द्वारा औरंगाबाद शहर को संभाजीनगर नाम दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘ यह ऐसा ही रहेगा।”

शहरों का नाम बदलना एमवीए सरकार के साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) के एजेंडे में शामिल नहीं होने के कांग्रेस के दावे पर सवाल किए जाने पर राउत ने कहा कि सीएमपी लोगों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए है। उन्होंने कहा, ‘‘ सीएमपी यह नहीं कहता कि लोगों की बात नहीं सुनी जानी चाहिए।” (एजेंसी)