शिंदे-फडणवीस सरकार के 5 महीने के कार्यकाल में मराठवाड़ा के 475 किसानों ने की आत्महत्या

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    औरंगाबाद : महाराष्ट्र ( Maharashtra) में शिंदे-फडणवीस (ईडी) सरकार स्थापित होकर करीब 5 महीने का समय गुजर चुका है। इन 5 महीने में राज्य सरकार (State Government) द्वारा किसानों (Farmers) की ओर अनदेखी के चलते 475 किसानों ने आत्महत्या (Suicides) करने की जानकारी सामने आई है। इसमें सबसे अधिक आत्महत्याएं संभाग के बीड जिले में 249 किसानों ने आत्मत्याएं की है। इतने बड़े पैमाने पर किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आने के चलते राज्य की ईडी सरकार के कामकाज पर कई सवाल उभर रहे है। उधर, चालू वर्ष के संपन्न हुए 11 महीने में 939 किसानों ने आत्महत्या की है। 

    कभी सूखा तो कभी अधिक बारिश का सामना करना मराठवाडा के किसानों के लिए आम बात हुई है। परंतु, इस आपदा का मुकाबला करने में असक्षम साबित होने वाले किसान आत्महत्या का रास्ता अपना रहे है। इस वर्ष बारिश के मौसम में बहुत अधिक बारिश होने से खरीफ और रबी की फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। आज भी संभाग के कई इलाकों के खेतियों में पानी भरा हुआ है। जिससे वहां बुआई कर फसल उगाना वर्तमान में भी असंभव है। 

    11 महीने में मराठवाड़ा के 939 किसानों ने आत्महत्या की

    एक तरफ आसमानी आपदा तो दूसरी तरफ फसलों का बीमा निकालने के बाद भी बीमा कंपनियों द्वारा फसलों की बीमा राशि अदा करने में की जा रही अनदेखी से किसानों की निंद हराम है। उनके समक्ष आ रही इन्हीं परेशानियों से तंग आकर किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर है। यहीं कारण है कि चालू वर्ष के समाप्त हुए 11 महीने में मराठवाड़ा के 939 किसानों ने आत्महत्या की। जिसमें गत 5 महीने में 475 किसानों ने आत्महत्या की। प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि चालू वर्ष में आत्महत्याएं किए 939 किसानों में 722 आत्महत्या किसान के परिवार के मदद के लिए पात्र ठहरे। 

    शिंदे-फडणवीस सरकार के कार्यकाल में 475 किसानों ने आत्महत्या की

    वहीं, 123 आत्महत्या के मामले अपात्र साबित हुए है। कुल आत्महत्या किए किसानों की 939 की संख्या में औरंगाबाद जिले में 161, परभणी 67, लातूर में 59, हिंगोली जिले में 41, जालना में 115, नांदेड में 140, उस्मानाबाद में 107 किसानों ने आत्महत्या करने की जानकारी सामने आई है। उधर,करीब 5 महीने पूर्व राज्य में स्थापित हुई शिंदे-फडणवीस सरकार के कार्यकाल में 475 किसानों ने आत्महत्या की। जिसमें जुलाई में 83 किसानों ने, अगस्त महीने में 123, सितंबर 96, अक्टूबर 94 और नवंबर में 79 किसानों ने आत्महत्या करने की जानकारी सामने आई है।