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    औरंगाबाद : स्थानीय महानगरपालिका (Municipal Corporation) में अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर महानगरपालिका की तिजोरी को चूना लगाना आए दिन बहुत ही आसान बनता जा रहा है। गत महीने महानगरपालिका की आम सभा के आयोजन के लिए करीब 27 साल पूर्व बनाए हुए प्रबोधनकार केशव सीताराम ठाकरे सभागृह (Prabodhankar Keshav Sitaram Thackeray Auditorium) के नूतनीकरण (Renovation) और उन्नयन (Upgradation) के लिए करीब 5 करोड़ रुपए की राशि के खर्च को मंजूरी दी गई है। सभागृह के नूतनीकरण के नाम पर 5 करोड़ रुपए खर्च की राशि  के प्रस्ताव मंजूर करने पर आश्चर्य जताया जा रहा है। महानगरपालिका के जानकारों के अनुसार महानगरपालिका अधिकारियों ने अपने अधिकार का दुरुपयोग कर इस प्रस्ताव के सहारे महानगरपालिका की तिजोरी को बिना सोचे समझे और निडरता से चूना लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया है। इतनी रकम में नए सभागृह का निर्माण किया जा सकता था, लेकिन प्रशासन ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर मनमानी करते हुए नूतनीकरण पर 5 करोड़ की राशि खर्च करने का प्रस्ताव पारित किया है। 

    बता दे कि महानगरपालिका की आम सभा के आयोजन के लिए आज से करीब 27 वर्ष पूर्व एक भव्य प्रबोधनकार केशव सीताराम ठाकरे नामक सभागृह का निर्माण किया गया था। करीब सवा दो साल पूर्व यानी अप्रैल 2020 में कोरोना काल के दरमियान महानगरपालिका बरखास्त हुई। तबसे लेकर आज तक महानगरपालिका चुनाव न होने से नई बॉडी का गठन न होकर महानगरपालिका पर प्रशासक नियुक्त है। दीपावली के बाद महानगरपालिका चुनाव होने के आसार है। इसकी पूर्व तैयारियों के बीच 6 जुलाई 2022 को आम सभा के हॉल के नूतनीकरण पर 5 करोड़ खर्च का 449 क्रमांक का प्रस्ताव कमिश्नर और प्रशासक द्वारा पारित किया गया। सभागृह के नूतनीकरण में कौन से काम किए जाएंगे, इसका कोई जिक्र प्रस्ताव में नहीं है। इसको लेकर भी कई सवाल उठ रहे है। प्रस्ताव में मुख्य कार्यालय के टप्पा क्र.1 के दूसरे मंजिल पर स्थित प्रबोधनकार केशव सीताराम ठाकरे सभागृह की मरम्मत और उसके उन्नयन  के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग के सन 2021-22 के दाम सुची के अनुसार 6 करोड़ 32 लाख 46 हजार 812 रुपए का इस्टीमेट नियुक्त किए हुए पीएमसी ने तैयार किया था। इसमें कुछ सेवाएं, रॉयल्टी चार्जेज, कामगार बीमा की रकम छोड़कर 4 करोड़ 99 लाख 2 हजार 517 रुपए की निविदा निकाली गई। निविदा जारी होने के बाद न्यू एरा इलेक्ट्रॉनिक्स की 13 प्रतिशत कम दाम वाली निविदा को मंजूरी देकर उक्त एजेंसी को सभागृह के नूतनीकरण का काम दिया गया है। 

    ठेकेदार की नियुक्ति पर उठने लगे सवाल 

    महानगरपालिका में न्यू ईरा इलेक्ट्रिकल का नाम सुनने के बाद आम आदमी भी यह साफ कहेंगा यह एजेंसी इलेक्ट्रिकल से संबंधित काम करेंगी। परंतु, महानगरपालिका प्रशासन के अधिकारियों ने पूरा नियोजन कर अपने निकट के न्यू ईरा इलेक्ट्रिकल को सभागृह के मरम्मत का काम देने का खेल खेला। अब सवाल यह उठने लगा है कि इलेक्ट्रिकल का काम करने वाली एजेंसी आज कल सभागृह के मरम्मत का काम कबसे करने लगी?। महानगरपालिका सूत्रों ने बताया कि कुछ अधिकारियों ने सभागृह के नूतनीकरण के नाम पर महानगरपालिका की तिजोरी को चूना लगाने वाले प्रस्ताव पारित किए। उसमें वे कामयाब भी हुए है। महानगरपालिका के जानकारों के अनुसार सभागृह के नूतनीकरण में कितनी भी आधुनिक सामग्री इस्तेमाल की तो उसके मरम्मत और  उन्नयन पर ढ़ाई से तीन करोड़ रुपए की राशि खर्च होना अपेक्षित है। परंतु, अधिकारियों ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर सभागृह के नूतनीकरण के नाम पर महानगरपालिका की तिजोरी को दो से ढाई करोड़ की अधिक की राशि को चूना लगाकर प्रस्ताव पारित किया है। अब सवाल यह उठने लगे कि 5 करोड़ रुपए खर्च कर सभागृह के मरम्मत पर आखिर कौन से काम किए जाएंगे, इसकी विस्तृत जानकारी सामने आना चाहिए। परंतु, पारित प्रस्ताव में इसका कोई जिक्र न होने से इस प्रस्ताव के पारित पर अब कई सवाल उठने लगे है। सभागृह का काम का पूरा होने के बाद उसका ऑडिट किया गया तो प्रशासन के सारे काले कारनामे उजागर होना तय है।