औरंगाबाद. पुणे सीड इंडस्ट्रीज ऑफ एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र (सियाम) का प्रथम बीज सम्मेलन हाल ही में पुणे के ऑक्सफोर्ड गोल्फ रिसोर्ट में संपन्न हुआ। सम्मेलन में राज्य भर के बीज उत्पादक कंपनियों (Producing Companies) के 85 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। महाराष्ट्र में कार्यरत बीज उद्योग संगठन सीयाम ने 7 साल पूरे किए है।
संगठन के सदस्यों ने कोविड को लेकर निर्माण हुई गंभीर परिस्थिति में भी कई अड़चणों पर मात देकर किसानों को बीज और खाद की आपूर्ति की। उसके उपलक्ष्य में इस सम्मेलन का आयोजन किया गया था। सम्मेलन में बीज उद्योग तथा प्रोद्योगिकी क्षेत्र पर आधारित व्याख्यान और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ संवाद के दो सत्र रखें गए थे। बीज सम्मेलन का उदघाटन कृषि संचालक दिलीप झेंडे और मुख्य गुणवत्ता नियंत्रक अधिकारी सुनील बोरकर, डॉ.सीडी मायी, डॉ. नरेन्द्र ददलानी, अजीत मुले, समीर मुले, मुकुंद करवा, रितेश मिश्रा, नाथा राउत और डॉ.शा.द. वानखेडे के हाथों दीप प्रज्वलित कर किया गया।
दृष्टि से सरकार कटिबध्द है
कृषि सचिव एकनाथ डवले वीडियो कॉन्फ्ररसिंग के माध्यम से सम्मेलन में शामिल हुए थे। एकनाथ डवले ने अपने संबोधन में कहा कि महाराष्ट्र के बीज उद्योग को वैभवशाली परंपरा है। उसे और अधिक वैभव प्राप्त कराकर देने की जरुरत पर बल दिया। उस दृष्टि से सरकार कटिबध्द है। कृषि विश्वविद्यालयों ने जरुरी बीजों की आपूर्ति करने की नीति तय की है। निजी क्षेत्र ने फिल्ड क्रॉप में पहल करने की और स्वयंनियमन करने की जरुरत है। कपास पर आने वाले गुलाबी बंधन लार्वा यह वास्तव है, यह मानकर व्यवस्थापन की ओर लक्ष्य की आपूर्ति करने की जरुरत है। उसके लिए कम समय के बीज की जाति के निर्माण की जरुरत होने पर बल दिया।
सीयाम केे पूर्व अध्यक्ष अजीत मुले ने सभी का स्वागत कर बीज उद्योगों के बारे में प्रेजेंटेशन दिया। साथ ही बीज उद्योग के लिए कृषि विभाग ने कृषि सचिव स्तर से कृषि संचालक के अलावा सभी कृषि विभागों ने कोरोना काल में की मदद पर प्रशंसा की। डॉ. सीडी मायी ने कपास फसलों की वैश्विक, देश की वर्तमान स्थिति और भविष्य केे लिए संशोधन, विस्तार और नीति के बारे में अपने विचार रखें।