Jalna-Jalgaon Railway Route

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    औरंगाबाद: जालना-जलगांव इस 174 किलोमीटर के नए रेल मार्ग (Jalna-Jalgaon Railway Route) का अंतिम भूखंड सर्वे के लिए फरवरी माह में निधि मंजूर किया गया था। उसके बाद सर्वे (Survey) को गति दी गई। इस मार्ग का सर्वे भौतिक रुप से जारी है। साथ ही शनिवार से हवाई सर्वे (Aerial Survey) भी शुरु किया गया है। शनिवार से विमान द्वारा शुरु हुआ यह सर्वे मंगलवार तक जारी रहेगा। यह जानकारी देश के रेल राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे (Minister Raosaheb Danve) ने दी।

    उन्होंने बताया कि भारत सरकार के रेल मंत्रालय के अंतर्गत जालना-जलगांव रेलवे मार्ग का फाइनल लोकेशन सर्वे 8 फरवरी को मंजूर किया गया था। इस सर्वे का काम पिछले कई दिनों से भौतिक रुप से जारी है। हवाई सर्वे के लिए शुक्रवार को अकोला में विमान आया हुआ था। 

    लिडार तकनीक का इस्तेमाल

    इस विमान द्वारा लिडार तकनीक का इस्तेमाल कर हवाई सर्वे शनिवार से शुरु किया गया है। 14 को शुरु हुआ यह सर्वे 17 मई तक चलेगा। शनिवार को पहले दिन विमान ने करीब 50 किलोमीटर का सर्वे किया। जिससे फाइनल लोकेशन को गति मिलेगी। सर्वे के लिए रेल मंत्रालय ने 4.5 करोड़ रुपए की राशि पहले ही मंजूर किए जाने की जानकारी रेल राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे ने दी। 

    कई शहरों को पहुंचना होगा आसान 

    जालना-जलगांव रेल मार्ग के निर्माण के बाद सूरत, गुजरात, राजस्थान के रेलवे गाडियों को आंध्र प्रदेश, दक्षिण भारत की ओर जाने मार्ग को जोड़ना आसान होगा। इस रेले  मार्ग  से विश्व भर के पर्यटकों को रेल यात्रा की सुविधा उपलब्ध होगी। मराठवाड़ा के आराध्य दैवत राजू महागणपति से यह रेल मार्ग जाने के कारण इस परिसर के श्रध्दालुओं को काफी फायदा होगा। 

    यहां से गुजरेगा मार्ग 

    अंतिम भूखंड सर्वे के बाद उसका प्रस्ताव स्वीकृति के लिए रेलवे बोर्ड के पास भेजा जाएगा। जालना-जलगांव रेल मार्ग के चलते मराठवाड़ा के ग्रामीण परिसर के औद्योगिक विकास सहित खेती, व्यापार, मिलिंग टर्न, लघु उद्योग, पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेंगा। यह रेल मार्ग जालना से होते हुए पिंपलगांव, पांगरी, राजूर, भोकरदन, सिल्लोड मार्ग, गोलेगांव, अजंता, फर्दापुर, जलगांव जाएगा।