File Photo
File Photo

    Loading

    औरंगाबाद : शहर में गुंठेवारी परिसर की अवैध संपत्तियों को नियमित करने के लिए 31 अक्टूबर तक अंतिम मोहलत औरंगाबाद महानगरपालिका प्रशासन (Aurangabad Municipal Administration) द्वारा दी गई है। उसके बाद अवैध संपत्तियों पर तोड़ने के लिए हतौड़ा चलाने की चेतावनी हाल ही में महानगरपालिका प्रशासक आस्तिक कुमार पांडेय (Astik Kumar Pandey) ने दी। इस चेतावनी पर सांसद इम्तियाज जलील (MP Imtiaz Jaleel) ने ग्रीन जोन (Green Zone) और आरक्षित जमीन (Reserved Land) पर गत 30 से 40 सालों से रहने वाले बस्तियों को गुंठेवारी कानून के तहत नियमित करने की मांग राज्य के नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे और जिले के पालकमंत्री सुभाष देसाई, मुख्य सचिव राज्य सरकार और प्रधान सचिव नगरविकास विभाग को पत्र भेजकर की।

    साथ ही महानगरपालिका प्रशासक आस्तिक कुमार पांडेय से भी मुलाकात कर भी आग्रह किया कि उक्त संपत्तियों को नियमित  करने राज्य सरकार को पत्र भेजकर उचिव प्रस्ताव दाखिल करें। पत्र में सांसद जलील ने बताया कि एशिया खंड में तेजी से विकसित होनेवाले और स्मार्ट सिटी में शामिल औरंगाबाद में गुंठेवारी नियम के तहत 31 दिसंबर 2020 तक अवैध संपत्तियों को नियमित करने के लिए नियमों में संशोधन करने पर संतुष्टि जताई।

    गुंठेवारी योजना का फायदा महानगरपालिका को ही होगा 

    नगरविकास मंत्री और पालकमंत्री को भेजे पत्र में सांसद जलील ने  कहा कि कई जमीनें आरक्षित होने से उस पर विभिन्न किस्म के कई आरक्षण लागू किए गए है। विशेष कर पहले परिसर आबाद होने के बाद महानगरपालिका ने शहर विकास प्रारुप मंजूर कर आरक्षण लागू किया। गुंठेवारी कानून के तहत उक्त बस्तियां नियमित न होने के चलते वहां पर नियमानुसार बुनियादी सुविधाएं नहीं दी जा सकती। इस तरह के कई क्षेत्रों में नागरिक आज भी परेशानी में अपना जीवन गुजार रहे हैं। हालांकि, वे नागरिक महानगरपालिका के सभी किस्म की कर अदायगी के लिए तैयार है। 

    …तो महानगरपालिका का राजस्व बढ़ेगा

    कई घरों पर दुगना कर लगाने से उन पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। नतीजातन, महानगरपालिका के राजस्व में कमी देखी जा रही है। सांसद जलील ने कहा कि महानगरपालिका की आर्थिक स्थिति पिछले कई सालों से खराब है। ऐसे में गुंठेवारी कानून का लाभ महानगरपालिका को होगा। औरंगाबाद के प्रारुप नक्शा के ग्रीन जोन  में वर्ष 2020 से पूर्व कई स्थानों पर बस्तियों निर्माण हुई है। उन्हें भी यदि गुंठेवारी के तहत नियमित किया गया, तो महानगरपालिका का राजस्व बढ़ेगा। वहां पर आम नागरिकों को नियमानुसार बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने का अनुरोध सांसद जलील ने राज्य के  नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे  और  पालकमंत्री सुभाष देसाई से किया।