Atul Save

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    औरंगाबाद : आम ग्राहकों (Common Customers) के जेब में हाथ डालकर निजी क्षेत्र को लाभ प्राप्त कराकर देने के लिए कोयले की कृत्रिम किल्लत निर्माण कर बिजली समस्या निर्माण होने की साजिश राज्य (State) के ठाकरे सरकार (Thackeray Government) ने रची है। यह आरोप औरंगाबाद पूर्व के बीजेपी विधायक (BJP MLA) अतुल सावे (Atul Save) ने लगाया। उन्होंने  कहा कि राज्य के महाविकास आघाडी के स्वार्थी पन से सामान्य बिजली ग्राहक लोडशेडिंग का सामना कर रहे है।

    एक प्लानिंग के तहत कोयले की किल्लत निर्माण कर बिजली के दाम बढ़ाकर पैसे जमा करने की एक साजिश ठाकरे सरकार ने रची है। कोयले  के किल्लत के चलते बिजली निर्मिती प्रकल्पोंं में बिजली निर्मिती कम होने का कारण आगे किए जाने  पर सावे ने आश्चर्य जताते हुए आरोप लगाया कि  इसके लिए  ठाकरे सरकार और  महानिर्मिती कंपनी के नीति शून्य कामकाज जिम्मेदार हैं। 

    लोडशेडिंग से सबसे अधिक परेशानियां किसानों को 

    सावे ने बताया कि पहले ही लोडशेडिंग और अनियमित बिजली आपूर्ति से ग्रामीण परिसर के किसान त्रस्त है। समय पर और गारंटी पूर्वक बिजली आपूर्ति न होने के कारण खेती में आई फसलें बरबाद हो रही है। रात, देर रात कभी भी अनियमित रुप से होने वाली बिजली आपूर्ति के चलते किसान परिवारों की निंद हराम है। अब सरकार ने सभी बिजली ग्राहकों पर लोडशेडिंग लादकर आम आदमी की भी निंद हराम की है। विधायक सावे ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार जानबूझकर बिजली निर्मिती प्रकल्पों के आधुनिकीकरण  की ओर अनदेखी कर रही है। उन्होंने बताया कि मार्च माह में सूरज ने आग उगलना शुरु करते ही राज्य में बिजली की डिमांड बढ़ाना तय था। इसको लेकर पहले से नियोजन करना चाहिए था। लेकिन, सरकार ने बिजली निर्मिती के लिए अधिक दाम में निजी क्षेत्र के हित संबंधों को बनाए रखने के लिए कोयला खरीदकर गरीब ग्राहकों को जेब में हाथ डालना शुरु किया है। साथ ही जानबूझकर जनता पर लोडशेडिंग भी लादी है। 

    बिजली नियामक आयोग खुद संज्ञान ले 

    विधायक सावे ने कहा कि राज्य में कृत्रिम रुप से निर्माण की गई  बिजली की किल्लत को लेकर राज्य बिजली नियामक आयोग ने विशेष लक्ष्य केंद्रित कर इस पर संज्ञान लेने की जरुरत है। बिजली नियामक आयोग सरकार के साथ  इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए जवाब पूछना चाहिए। अंत में सावे ने कहा कि फडणवीस सरकार के कार्यकाल में महाराष्ट्र से लोडशेडिंग पूरी तरह खत्म हो चुकी थी। लेकिन, अचानक आघाडी सरकार के काल में फिर एक बार बिजली किल्लत और  लोडशेडिंग लादी जा रही है, इस पर भी उन्होंने आश्चर्य जताया।