Aurangabad Municipal Corporation

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    औरंगाबाद : शनिवार को घोषित स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 (Swachh Survekshan 2022) के नतीजे शहर को साफ और कचरा मुक्त रखने के औरंगाबाद महानगरपालिका (Aurangabad Municipal Corporation) के प्रयासों को दर्शाते हैं। राष्ट्रव्यापी स्वच्छ सर्वेक्षण में औरंगाबाद ने 30वां स्थान पाया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में नई दिल्ली में स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 की घोषणा की गई। इन कार्यक्रमों में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और केन्द्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री कौशल किशोर सहित अन्य व्यक्ति उपस्थित थे।

    महानगरपालिका कमिश्नर और प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी के नेतृत्व में औरंगाबाद महानगरपालिका शहर को साफ और कचरा मुक्त रखने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। इसके लिए औरंगाबाद महानगरपालिका ने कुछ ही वर्षों में कूड़ा-करकट प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किए हैं और हर घर से कचरा एकत्र करने की पूरी व्यवस्था चला रहा है। इसी का नतीजा है कि शनिवार को घोषित स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के परिणाम में औरंगाबाद शहर के बाजार पेठ और रिहायशी इलाकों को साफ रखने, कूड़े के ढेर की सफाई, नदियों और नालों की सफाई और सड़कों की सफाई में 90 प्रतिशत से ज्यादा अंक मिले हैं। 

    घके नेतृत्व में औरंगाबाद महानगरपालिका ने सब्जी मंडी और हॉटेलों से निकलने वाला बायो वेस्ट जमा कर कांचनवाडी में स्थित बायो गैस प्रक्रिया केन्द्र पर भेजने की व्यवस्था करने के चलते शहर के व्यापार पेठ साफसूत्र दिखाई दे रहे है। साथ ही स्मार्ट सिटी के मदद से घंटागाड़ी पर बिठायी हुई जीपीएस सिस्टिम का इस्तेमाल कर गली मोहल्लों में समय पर घंटागाड़ी पहुंचकर हर घर से कचरा उठाया जा रहा है, या नहीं यह पता लगाना आसान होने के साथ ही गली और  मोहल्लों में गंदगी न फैलकर वह क्लीन दिखाई दे रहे है। 

    समय से पहले नालों की सफाई शुरू कर दी

    खास बात यह है कि पिछले एक साल में औरंगाबाद महानगरपालिका ने अपने साथ विभिन्न संगठनों और नागरिकों की मदद से खाम नदी की सफाई की और ठेकेदारों को काम पर रखे बिना समय से पहले ही अपने सिस्टम से नालों की सफाई शुरू कर दी, इस कार्य ने सर्वेक्षण में प्रभावशाली अंक हासिल किए। महानगरपालिका द्वारा ठोस अपशिष्ट शिकायत निवारण हेल्प डेस्क की स्थापना की गई और इसके लिए 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए। 50 प्रतिशत नागरिक कूड़ा-करकट अलग कर घंटागाड़ी को देते हैं। हालांकि, इस तथ्य के कारण कि शेष पचास प्रतिशत नागरिक कचरे का वर्गीकरण नहीं करते हैं और कचरा कहीं और फेंकते हैं। यह शहर की स्वच्छता में बाधा डालता है और स्वच्छ सर्वेक्षण में अंक भी इस कारण से गिर गए।

    महानगरपालिका कमिश्नर और प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी 

    सफाई को लेकर देश में 30वां स्थान पाने पर खुश हुए महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. अभिजीत चौधरी ने कहा कि औरंगाबाद महानगरपालिका तीन अपशिष्ट उपचार संयंत्रों के माध्यम से वैज्ञानिक रूप से कचरे का प्रक्रिया कर रहा है। औरंगाबाद महानगरपालिका हर दिन शहर से 400 टन से अधिक कचरे का प्रसंस्करण करता है। इसके लिए नागरिकों की भागीदारी बहुत जरूरी है। यदि प्रत्येक नागरिक और व्यवसायी अपना गिला और सूखा कचरा अलग-अलग देने पर ही महानगरपालिका के मेहनत को सफलता मिलने की प्रतिक्रिया महानगरपालिका आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी ने दी।