औरंगाबाद: शहर के बीड बाईपास रोड पर एक बिल्डर (Builder) द्वारा ले आउट के लिए दायर की तीन फाइलों को मंजूरी देने के लिए 3 लाख रुपए की रिश्वत (Bribe) लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए औरंगाबाद महानगरपालिका (Aurangabad Municipal Corporation) के गुंठेवारी कक्ष प्रमुख संजय चामले को महानगरपालिका कमिश्नर आस्तिक कुमार पांडेय ने निलंबित किया है। मंगलवार को जारी किए आदेश में महानगरपालिका कमिश्नर ने चामले को 30 अप्रैल 2022 से निलंबित किया है। चामले को 29 अप्रैल 2022 की देर शाम अपने घर में बिल्डर से रिश्वत लेते हुए एसीबी ने रंगे हाथों पकड़ा था।
चामले को एसीबी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के 18 दिन बाद भ्रष्टाचार निराधक ब्यूरों ने अपनी रिपोर्ट महानगरपालिका प्रशासन को सौंपी। इतने लंबे समय बाद चामले की रिपोर्ट एसीबी द्वारा सौंपे जाने को लेकर आश्चर्य जताया जा रहा है। जब चामले पर कार्रवाई की गई थी, तब उनके घर से करोड़ों रुपए की राशि मिलने की चर्चा महानगरपालिका और पुलिस के कुछ अधिकारियों में जोरों पर थी, परंतु एसीबी ने सिर्फ साढ़े तीन लाख रुपए कैश दिखाकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया। जब चामले को पकड़ा गया था, तब उन्हें बचाने के लिए कई अधिकारी और शहर के कुछ राजनेता एसीबी पर दबाव बनाए हुए थे। यहीं कारण है कि चामले पर जितनी गंभीरता से कार्रवाई होनी चाहिए थी, वह नहीं हो पायी।
रिश्वत लेते एसीबी ने किया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि शहर के सातारा परिसर में एक बिल्डर ने ले आउट मंजूरी के लिए तीन फाइलें नगर रचना विभाग में दाखिल की थी। उन तीन फाइलों को मंजूरी के लिए रिश्वत खोर महानगरपालिका के नगर रचना विभाग का शाखा अभियंता और गुंठेवारी कक्ष प्रमुख संजय चामले ने तीन लाख रुपए की रिश्वत बिल्डर से मांगी थी। बिल्डर को रिश्वत देने की इच्छा न होने से उसने एसीबी में चामले के खिलाफ शिकायत लिखाई थी। इस शिकायत पर एसीबी ने 29 अप्रैल 2022 की देर शाम चामले को उनके ही घर में बिल्डर से तीन लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
खुले आम रिश्वत मांगते थे
संजय चामले बीते कई सालों से महानगरपालिका के नगर रचना विभाग में कार्यरत है। महानगरपालिका में कामकाज करते समय उनका चेहरा बड़ा मासूम जैसा रहता था। मीडिया कर्मियों से बात करते समय भी चामले अपने आपको भोला-भाला अधिकारी बताने से नहीं चुकते थे,परंतु जब उनके पास कोई बिल्डर अथवा आम नागरिक अपना काम लेकर पहुंचता, तब वे बदमाशों की तरह पैंतरा अपनाकर खुले आम रिश्वत मांगते थे। महानगरपालिका प्रशासन द्वारा गत वर्ष उन्हें गुंठेवारी कक्ष प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। इस पद का दुरुपयोग कर चामले ने शहर के कई मध्यम परिवारों से उनके घर लिगलाइज कराने के लिए लाखों रुपए की रिश्वत वसूली थी।
कमिश्नर ने जारी किया आदेश
चामले उनके पास आनेवाले हर व्यक्ति को रिश्वत के लिए परेशान करते थे। यहीं कारण है कि जब उन्हें एसीबी ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार करने की खबर सातारा परिसर में पहुंचने पर कई नागरिकों ने खुशी में पटाखों की आतिशबाजी कर तथा मिठाईयां बांटकर जश्न मनाया था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि चामले के कारनामे कैसे थे। कमिश्नर ने उन्हें निलंबित करने के जारी किए आदेश में बताया कि महाराष्ट्र नागरी सेवा नियम 1979 के नियम 3 का भंग किए जाने को लेकर 30 अप्रैल 2022 से संजय चामले को निलंबित किया जाता है। प्रशासक के अगले आदेश तक चामले निलंबित रहेंगे। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच भी प्रस्तावित की गई है।