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    औरंगाबाद: नए आर्थिक वर्ष 2022-23  के लिए औरंगाबाद महानगरपालिका प्रशासन (Aurangabad Municipal Administration) द्वारा बजट (Budget) पेश किया गया। महानगरपालिका कमिश्नर और प्रशासक आस्तिक कुमार पांडेय (Astik Kumar Pandey) ने 1,728 करोड़ 15 लाख 80 हजार रुपए का बजट पेश किया। इसमें 1,726 करोड़ 39 लाख 71 हजार अनुमाननित व्यय को ध्यान में रखते हुए 1 करोड़ 76 लाख 9 हजार रुपए बचत का बजट पेश किया। गत वर्ष के मुकाबले 550 करोड़ से अधिक की राशि का बजट नए आर्थिक वर्ष के लिए पेश किया गया। इनमें शहर में 200 करोड़ रुपए के सड़कों के निर्माण के अलावा हर वार्ड में वार्ड के तत्कालीन नगरसेवक की सूचनाओं पर 1 करोड़ रुपए विकास कार्य पर खर्च करने का प्रावधान किया गया है। जिसके चलते शहर के 115 वार्डों में पूर्व नगरसेवकों की सूचना पर  115 करोड़ रुपए के कार्य होंगे। विशेषकर, शहर में स्मार्ट सिटी के माध्यम से 317 करोड़ रुपए के सड़कों का निर्माण किया जाएगा। 

    महानगरपालिका कमिश्नर आस्तिक कुमार पांडेय ने बजट पेश करने के बाद पत्रकारों को बताया कि बजट में शहर के लिए जरुरी सभी कार्यों को प्राथमिकता देने का प्रयास किया गया। कमिश्नर ने महानगरपालिका को मिलनेवाले उत्पन्न की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार से वस्तु और सेवा कर से  355 करोड़ की राशि  मिलने के आसार है, वहीं नए आर्थिक वर्ष में संपत्ति कर वसूली का टार्गेट 200 करोड़ और बकाया में से 150 करोड़ इस तरह कुल 350 करोड़ रुपए वसूलने का लक्ष्य रखा गया है।

    लोगों को महानगरपालिका सुविधाएं उपलब्ध कराएगी 

    लोग बड़ी आसानी से संपत्ति और पेयजल टैक्स अदा कर सकें, इसको लेकर महानगरपालिका प्रशासन द्वारा कई सुविधाएं करदाताओं को उपलब्ध कराई जाएगी। कमिश्नर  ने बीते आर्थिक वर्ष के अंतिम दिन तक महानगरपालिका प्रशासन द्वारा संपत्ति और पेयजल कर से  करीब 170 करोड़ रुपए की राशि वसूलने पर खुशी जाहिर करते हुए बताया कि महानगरपालिका की स्थापना के बाद से इस वर्ष सबसे अधिक यह वसूली है। 

    पेयलल आपूर्ति की वसूली 40 करोड़, खर्च 140 करोड़ रुपए   

    कमिश्नर ने बताया कि महानगरपालिका की तिजोरी पर सबसे अधिक बोझ पेयजल आपूर्ति योजना के खर्च पर  पड़ता है। हर साल महानगरपालिका को पेयजल कर से सिर्फ 35 से 40 करोड़ रु़पए की राशि मिलती है। वहीं, पेयजल आपूर्ति योजना पर 140 करोड़ रुपए खर्च हो रहे है। हर साल पेयजल आपूर्ति पर 100 करोड़ रुपए से अधिक को बोझ  महानगरपालिका तिजोरी पर पड़ने से कई विकास कार्यों को ब्रेक लग रहा है।100 करोड़ का घाटा बराबर करने के लिए महानगरपालिका प्रशासक आस्तिक कुमार पांडेय ने औरंगाबादवासियों से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि यह परिस्थिति बदलना होगा। उसके लिए औरंगाबाद वासियों को मुझे सहयोग चाहिए। 

    नई पेयजल योजना का काम तय समय में होगा पूरा 

    कमिश्नर ने शहर के लिए मंजूर 1,700 करोड़ की पेयजल योजना का काम तय समय पूरा होने का दावा करते हुए  बताया कि सरकार स्तर पर इस योजना को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे है। खुद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे, जिले के पालकमंत्री सुभाष देसाई नई पेयजल योजना पूरी करने के लिए पूरजोर कोशिश कर रहे है। कमिश्नर पांडेय ने बताया कि नई पेयजल योजना के मुख्य पाइपलाइन का काम शुरु हो चुका है। पानी की टंकियां बनाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। इस योजना के काम को 6 माह में और अधिक गति मिलकर तय समय में नई पेयजल योजना का काम पूरा होकर औरंगाबाद वासियों को हर दिन पानी मिलेगा। 

    517 करोड़ रुपए के सड़कों का होगा निर्माण 

    महानगरपालिका प्रशासक ने बताया कि गत करीब ढाई सालों में शहर में 252 करोड़ रुपए के सड़कों का निर्माण किया गया। वहीं, औरंगाबाद स्मार्ट सिटी के माध्यम से 317 करोड़ रुपए की  सड़कें बनेगी। वहीं, 200 करोड़ रुपए का प्रावधान महानगरपालिका प्रशासन ने नए आर्थिक वर्ष के बजट में सड़कों के निर्माण के लिए किया है। इस तरह आगामी एक साल में 517 करोड़ रुपए के सड़कों का निर्माण शहर में होगा। जिससे शहर में 70 से 80 प्रतिशत सड़कें बेहतर होकर औरंगाबाद वासियों को बड़े पैमाने पर राहत मिलेगी।  

    गुंठेवारी कानून पर सख्ती से अमलीजामा पहनाया जाएगा

    राज्य सरकार ने शहर के अवैध बस्तियों को वैध कराने के लिए गुंठेवारी कानून लाया है। इससे शहरवासियों को बड़े पैमाने पर राहत मिल चुकी है। इस कानून के सहारे शहरवासियों ने अपने अवैध संपत्तियों को वैध कराने के लिए और बड़ी संख्या में आगे आने की जरुरत है। औरंगाबाद वासी इस कानून का लाभ उठाने में अभी भी काफी पीछे हैं। कमिश्नर ने कहा कि नए आर्थिक वर्ष में इस कानून पर महानगरपालिका प्रशासन द्वारा सख्ती अमली जामा पहनाया जाएगा। अब तक इस कानून का 8 हजार संपत्ति धारकों ने लाभ लिया है। इससे महानगरपालिका की तिजोरी में 50 करोड़ की राशि मिली है। प्रशासन इस कानून का लाभ उठाने के लिए हर माह औरंगाबाद वासियों को समयावधि बढ़ाकर दे रहा है। मई माह से इस कानून पर सख्ती से अमलीजामा पहनाया जाएगा। कमिश्नर ने बताया कि गुंठेवारी परिसर के कमर्शियल संपत्ति धारकों ने गुंठेवारी कानून का लाभ अब तक नहीं लिया है। कमर्शियल संपत्ति धारकों ने मई माह तक अपनी संपत्तियों को वैध नहीं कराया तो उन पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी पांडेय ने दी। 

    ठेकेदारों और कर्ज के अदा किए गए 552 करोड़ रुपए  

    महानगरपालिका कमिश्नर ने बताया कि करीब सवा दो वर्ष पूर्व मैंने जब महानगरपालिका कमिश्नर का पदभार संभाला था, तब ठेकेदारों को 280 करोड़ रुपए अदा करने थे। मेरे कार्यकाल के सवा दो साल में दो साल से अधिक का समय कोरोना महामारी पर उपाय योजनाएं करने में गुजरा। इसके बावजूद महानगरपालिका प्रशासन ने ठेकेदारों के 250 करोड़ रुपए अदा किए। वहीं, बैंकों को कर्ज के रुप  में 252 करोड़ रुपए अदा करने थे। यह सभी रकम महानगरपालिका ने अदा की है।  यह महानगरपालिका प्रशासन की बड़ी उपलब्धि है। 

    कचरे की समस्या पूरी तरह हल 

    पांडेय ने बताया कि शहर के कचरे की समस्या लगभग पूरी तरह हल हो चुकी है। शहर के तीन स्थानों पर कचरे पर प्रोसेसिंग जारी है। महानगरपालिका के हर अधिकारी के वाहन पर हर माह 45 हजार रुपए खर्च होते थे। नए 10 इलेक्ट्रानिक कार खरीदे गए है। इसमें 1 रुपए प्रति किलोमीटर खर्च आ रहा है। जिससे हर साल वाहनों पर खर्च होने वाली लाखों रुपए की राशि पर ब्रेक लगेगा। महानगरपालिका प्रशासन द्वारा शहर में 22 मंजिल इमारत को परमिशन दी गई है। शहर में बड़े पैमाने पर मंजिलों को निर्माण होने के चलते अग्निशमन विभाग को मजबूत करने के लिए बजट में 56 करोड़ का प्रावधान किया गया है। दिव्यांग और सरकार की  विभिन्न योजनाओं के लिए बजट में 17 करोड़ का प्रावधान किए जाने की जानकारी पांडेय ने दी। पत्रकार परिषद में महानगरपालिका के मुख्य लेखाधिकारी वाहुले, मुख्याधिकारी संजय पवार, शहर अभियंता सखाराम पानझडे, उपायुक्त डॉ. संतोष टेंगले, उपायुक्त अपर्णा थेटे के अलावा कई अधिकारी उपस्थित थे।