Aurangabad Municipal Corporation

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    औरंगाबाद: केन्द्र सरकार (Central Government) के स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Abhiyan) में औरंगाबाद महानगरपालिका (Aurangabad Municipal Corporation) को टॉप टेन (Top Ten) में लाने की तैयारियां महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) ने युद्धस्तर पर शुरु की है। इस साल स्वच्छ भारत अभियान साढ़े सात हजार अंक का रहेगा। उसमें सिटीजन्स वाइस, महानगरपालिका के सेवाओं का दर्जा और पेश किए जानेवाले दस्तावेज इन तीन चरणों में अंक दिए जाएंगे। कोविडकाल में महानगरपालिका प्रशासन द्वारा जनता को उपलब्ध कराई गई बेहतर सुविधाओं पर अभियान में अंक दिए जाएंगे।

    औरंगाबाद महानगरपालिका उपायुक्त सौरभ जोशी (Saurabh Joshi) ने बताया कि महानगरपालिका प्रशासन ने स्वच्छ भारत अभियान में औरंगाबाद महानगरपालिका को टॉप टेन में लाने के लिए जरुरी सभी प्रयास शुरु कर दिए हैं। शहर में इन दिनों सफाई का काम बेहतर रुप से जारी है। कचरा उठानेवाली कंपनी को शहर के किसी भी कोने में कचरा न दिखे इसको लेकर सक्त ताकिद दी गई है। 

    फरवरी में आ सकती है केंद्र की टीम

    उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान के सर्वे के लिए फरवरी माह में केन्द्र सरकार की टीम आने के आसार है। इस टीम का महानगरपालिका द्वारा कोरोना टीकाकरण मुहिम को सफल बनाने के लिए  किए गए प्रयासों पर विशेष लक्ष्य  रहेगा। महानगरपालिका के कितने सफाई कामगारों ने प्रथम और दूसरा डोज लिया है, इसका जायजा भी केन्द्र से सर्वे करने आनेवाली टीम ले सकती है। कोविडकाल में महानगरपालिका द्वारा आपदा व्यवस्थापन के अंतर्गत नागरिकों को उपलब्ध कराई गई सुविधाओं का जायजा लेकर अंक दिए जाएंगे। जिसके चलते इस साल स्वच्छ भारत अभियान अलग स्तर पर रहने का दावा उपायुक्त सौरभ जोशी ने किया।

    हर वर्ष जनवरी-फरवरी में होता है सर्वे

    गौरतलब है कि केन्द्र सरकार द्वारा हर साल नए साल के आरंभ में स्वच्छ भारत अभियान चलाया जाता है। देश स्तर पर शहर कितने स्वच्छ है, इसका जायजा इस अभियान के तहत लेकर टॉप 100 शहरों की सूची बनायी जाती। इस  स्पर्धा में बेहतर काम करने वाले शहरों को अधिक निधि दिया जाता। साथ ही पुरस्कार के रुप में भी अलग से निधि दिया जाता। हर साल जनवरी/फरवरी माह में यह सर्वे होता है। गत चार साल में औरंगाबाद शहर में भी स्वच्छ सर्वे हुआ। परंतु, उसमें औरंगाबाद शहर 26 से 22 वें स्थान तक ही सीमित रहा। इस साल उपायुक्त सौरभ जोशी के मार्गदर्शन में शहर को टॉप टेन में लाने का नियोजन शुरु हो चुका है। उपायुक्त जोशी ने बताया कि इस साल अभियान साढ़े सात हजार अंक का रहेगा। जिसमें सिटीजन वाइस के लिए 2500, महानगरपालिका की ओर से दी जानेवाली सुविधाओं का  दर्ज के  लिए तीन हजार, दस्तावेजों के जांच के लिए 2500 अंक रहेंगे। महानगरपालिका ने अपने स्तर पर निर्माण कार्य के मलबे को कैसे ठिकाने लगाया ?। उसकी प्रक्रिया कैसी है ?। कितने किसानों ने खाद को पसंद किया। ड्रायवेस्ट जमा होता है क्या ?। मल जल निसारण प्रक्रिया प्रकल्प कैसे कार्यरत है ? इसकी जांच कर अंक दिए जाएंगे।