बामू विश्वविद्यालय में इस दिन से होगा केंद्रीय युवा महोत्सव का आयोजन

    Loading

    औरंगाबाद : डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय (Dr. Babasaheb Ambedkar Marathwada University) का केंद्रीय युवा महोत्सव (Central Youth Festival) 16 से 19 अक्टूबर तक विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किया जाएगा। महोत्सव छह वर्गों में 36 कला रूपों में आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले ने आयोजित प्रेस वार्ता में दी। 

    इस अवसर पर कुलाधिपति डॉ. श्याम शिरासठ, कुलसचिव डॉ. भगवान सांखले, संयोजक डॉ.संजय सांभाळकर व संजय शिंदे उपस्थित थे। इस मौके पर कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले ने कहा, ‘कोविड’ के चलते दो साल से युवा उत्सव नहीं हो सका। इस वर्ष महोत्सव में विश्वविद्यालय परिसर में महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। उत्सव का उद्घाटन प्रसिद्ध लेखक, निर्देशक अरिनवद जगताप और अभिनेत्री उर्मिला कानेटकर-कोठारे द्वारा रविवार (16) को सुबह 11 बजे मुख्य उपस्थिति में किया जाएगा। जबकि समापन समारोह में प्रसिद्ध अभिनेता भरत गणेशपुरे और अभिनेता सुहास शिरसाठ शामिल होंगे। समापन और पुरस्कार वितरण समारोह बुधवार (19 तारीख) को पूर्वाहन 11 बजे मुख्य मंच पर होगा। इस महोत्सव में भाग लेने वाले युवा कलाकारों की आयु सीमा 25 से बढ़ाकर 27 कर दी गई है। उत्सव 7 रंग मचों पर संपन्न होगा। इस अवसर पर उद्घाटन दिवस पर सुबह 8 बजे शोभायात्रा निकाली जाएगी। भारतीय स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव युवा उत्सव का ‘थीम’ बनने जा रहा है। कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले ने बताया कि महोत्सव में भाग लेने के लिए अब तक 136 कॉलेजों के 1650 कलाकारों ने पंजीकरण कराया है। इस महोत्सव में छह वर्गों में कुल 36 कला रूपों का आयोजन किया जाएगा।

    छह प्रभाग, 36 कला रूप

    • संगीत विभाग: शास्त्रीय गायन, शास्त्रीय तबला वाद्य, शास्त्रीय सूरवाद्य, सुगम गायन (भा.), सुगम गायन (पा.), समूह गायन (भा.), समूह गायन (पा.), लोक आर्केस्ट्रा, कव्वाली, जलसा। 
    • नृत्य विभाग: लोक / जनजातीय नृत्य, शास्त्रीय नृत्य। 
    • नाटक विभाग: वन एक्ट (मराठी/हिंदी), कॉमेडी, मिमिक्री, साइलेंट एक्टिंग। 
    • ललित कला विभाग: पेंटिंग, कोलाज, पोस्टर, मूर्तिकला, कैरिकेचर, रंगोली, स्पॉट फोटोग्राफी, लघु फिल्म। 
    • वाड मय डिवीजन: कविता पढ़ना, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी। 
    • महाराष्ट्र की लोक कला: पोवाड़ा, भारुड, वासुदेव, घनाल, भजन, लोक गीत, लोक नाटक, लावणी शामिल है।