Aurangabad

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    औरंगाबाद: शहागंज (Shahganj) में स्थित ऐतिहासिक टॉवर (Historic Tower) के सुशोभिकरण (Beautification) का काम हाल ही में पूरा हुआ है, लेकिन वहां सालों से लगी पुरानी घड़ी की मरम्मत करना प्रशासन के लिए टेढी खीर साबित हो रहा था। पुरानी घड़ी के मरम्मत को एजेंसी न मिलने के कारण औरंगाबाद महानगरपालिका प्रशासन (Aurangabad Municipal Administration) ने वहां इलेक्ट्रानिक पद्धति की नई घड़ी लगाई है। जिसके चलते टॉवर से घड़ी एक बार फिर से टिक-टिक आवाज शुरु होकर शहर के प्रमुख व्यापार पेठ शहागंज परिसर में खरीददारी के लिए आने वाले शहरवासियों को समय देखना आसान हो गया है।

    गौरतलब है कि शहागंज चमन में निजाम काल में ऐतिहासिक घड़ी का टॉवर बनाया गया था। अंतिम निजाम मिर उस्मान अली खान ने 1930 में इस टॉवर में बड़े साइज की घड़ी लगायी थी। मुस्लिम समुदाय के सबसे पवित्र माने जाने वाले रमजान महीने में रोजा खोलने और सहरी करने के लिए समय बड़ी आसानी से दिखे इसलिए उक्त टॉवर में घड़ी लगायी गयी थी। निजाम काल में रोजा खोलने के लिए उस घड़ी का अलार्म बजता था। कुछ सालों पूर्व तक यह घड़ी चालू थी, परंतु महानगरपालिका प्रशासन के लापरवाही से घड़ी अपने दुर्देशा पर आंसू बहा रही थी। औरंगाबाद स्मार्ट सिटी की प्रकल्प व्यवस्थापक स्नेहा बक्षी ने बताया कि महानगरपालिका के तत्कालीन कमिश्नर आस्तिक कुमार पांडे ने शहर के ऐतिहासिकता को जानकर स्मार्ट सिटी के माध्यम से शहागंज में स्थित उक्त टॉवर का निर्माण करने का बिड़ी उठाया। हाल ही में ऐतिहासिक टॉवर का निर्माण पूरा हुआ है। गत कुछ माह से स्मार्ट सिटी प्रशासन के अधिकारी टॉवर में लगी सालों पुरानी घड़ी के मरम्मत के प्रयासों में जूटे हुए थे। घड़ी के मरम्मत के लिए कई कारागिरों और एजेंसियों को खोजा गया, परंतु कोई भी कारागिर घड़ी की मरमम्त करने वाला नहीं मिलने पर स्मार्ट सिटी प्रशासन ने उक्त टॉवर में नई इलेक्ट्रानिक घड़ी लगाने का निर्णय लिया गया। 

    काम में इतने रुपए हुए खर्च

    उस निर्णय के तहत गुरुवार को घड़ी लगाई गयी।  दिखने में घड़ी बहुत सुंदर है। इस घड़ी में अलार्म बजने की भी सुविधा होने की जानकारी स्नेहा बक्षी ने दी। घड़ी का काम पूरा होकर गुरुवार से घड़ी टॉवर में टिक-टिक कर रही है। बक्षी ने बताया कि गत 2 साल से शहर  के 9 ऐतिहासिक दरवाजे, किलेबंदी की दीवार और शहागंज टॉवर का काम जारी था। शहागंज टॉवर के निर्माण पर 29 लाख रुपए और घडी और घंटा बिठाने के लिए साढ़े तीन लाख से अधिक की राशि खर्च की गई। अंत में उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी के सीईओ डॉ. अभिजीत चौधरी के निर्देश पर हर घर तिरंगा अभियान के तहत 13 से 15 अगस्त के दौरान क्लॉक टॉवर और अन्य दरवाजों पर लाइटिंग की जाएगी।