किसानों को फसल बीमा पाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने शुरू किया मदद कक्ष

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    औरंगाबाद : बारिश के मौसम में अतिवृष्टि के चलते फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। किसानों (Farmers) ने फसलों (Crops) के नुकसान से राहत पाने के लिए बीमा निकाला है। लेकिन, फसल बीमा कंपनियां (Crop Insurance Companies) किसानों को संकट की इस घड़ी में राहत देने से कतरा रही है। इसलिए कांग्रेस पार्टी (Congress Party) की ओर से जिला और तहसील स्तर पर फसल बीमा को लेकर किसानों से फॉर्म (Forms) भरकर लिए जा रहे है। उसके लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से किसानों के लिए मदद कक्ष (Help Room) शुरू किया गया है। यह जानकारी कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष डॉ. कल्याण काले (District President Dr. Kalyan Kale) ने आयोजित प्रेस वार्ता में दी। 

    उन्होंने बताया कि राज्य भर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जिला और तहसील स्तर पर किसानों से फसल बीमा को लेकर फॉर्म भरकर लिए जाएंगे। यह सभी फार्म राज्य स्तर पर जमा कर वह कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और पूर्व राजस्व मंत्री बालासाहाब थोरात को सौंपे जाएंगे। विशेषकर, जिन किसानों को फसल बीमा नहीं मिला है, उन कंपनियों के पास भी शिकायत की जाएगी। 

    रबी फसलों का मौसम शुरू किसानों की बिजली ना काटे

    कांग्रेस जिला अध्यक्ष डॉ. कल्याण काले ने कहा कि बारिश के मौसम में इस वर्ष अतिवृष्टि के चलते किसानों के खेतों में आई सारे फसलें नष्ट हो चुकी है। आज भी राज्य के कई इलाकों के खेतों में पानी जमा है। फसलें बरबाद होने से किसान बुरी तरह से संकट में है। संकट की इस घड़ी में महावितरण द्वारा बिजली बिल की बकाया राशि के लिए किसानों के बिजली कनेक्शन कट किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि इन दिनों रबी फसलों की बुआई का काम जारी है। किसान अतिवृष्टि में हुई नुकसान की भरपाई के लिए कई समस्याओं का सामना कर खाद और बीज खरीद रहा है। संकटों का सामना कर रहे किसानों की बिजली कनेक्शन कट करने से किसानों की निंद हराम है। उन्होंने राज्य सरकार को चेताया कि वे तत्काल बिजली कनेक्शन काटने की मुहिम को रोक दे। वरना, कांग्रेस की ओर से कड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। 

    किसानों की परेशानियों के लिए शिंदे-फडणवीस सरकार जिम्मेदार: डॉ. काले

    कांग्रेस जिला अध्यक्ष डॉ. कल्याण काले ने बताया कि कांग्रेस की ओर से फसल बीमा नमुना आवेदन किसानों को दिया जाएगा। जिसमें किसानों को किसी प्रकार का लाभ नहीं मिला, इसकी जानकारी फार्म में भरकर ली जाएगी। फॉर्म में किसान का नाम, गांव का नाम, खेती का क्षेत्रफल, जिस फसल के लिए बीमा निकाला गया उस फसल का नाम, बीमा कंपनी का नाम, मोबाइल नंबर और बीमा की रसीद ज़ेरॉक्स साथ जोड़ी जाएगी। अंत में डॉ. काले ने किसानों की समक्ष आ रही परेशानियों के लिए राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार को जिम्मेदार ठहराया। प्रेस वार्ता में शहर अध्यक्ष शेख यूसुफ, प्रवक्ता डॉ. पवन डोंगरे, जगन्नाथ काले, भाउसाहाब जगताप, अतिश पितले उपस्थित थे।