किसानों के बढ़ते आत्महत्या मामले में महाविकास आघाड़ी का प्रदर्शन

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    औरंगाबाद : महाराष्ट्र (Maharashtra) में किसानों (Farmers) के बढ़ते आत्महत्याओं (Suicides) के मामले और अतिवृष्टि (Excessive Rainfall) में हुए नुकसान (Damage) के चलते किसानों की निंद हराम है। ऐसे में राज्य सरकार के मुखिया और मंत्री सत्कार समारोह और दिल्ली के चक्कर कांटने में समय बरबाद कर रहे है। राज्य की असंवेदनशील सरकार को जगाने के लिए महाविकास आघाड़ी (Mahavikas Aghadi) के तीनों दल शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ओर से शनिवार को विभागीय आयुक्तालय के सामने जोरदार धरना आंदोलन किया गया। आंदोलन का नेतृत्व विधान परिषद के विरोधी पक्ष नेता अंबादास दानवे, कांग्रेस जिला अध्यक्ष और पूर्व विधायक डॉ. कल्याण काले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष कैलास पाटिल ने किया। आंदोलन में बड़ी संख्या में तीनों दलों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लेकर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। 

    आंदोलनकारियों ने राज्य की शिंदे और फडणवीस सरकार को केंद्र सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाकर पचास खोके एकदम ओके, किसानों के सम्मान में महाविकास आघाड़ी मैदान में मोदी-शाह हटाव देश बचाव, हुकूमशाही नहीं चलेंगी, किसानों को मदद मिलनी ही चाहिए के जोरदार नारे लगाए।  

    अतिवृष्टि से किसान हतबल 

    आंदोलन के दरमियान पत्रकारों से बातचीत करते हुए विरोधी पक्ष नेता अंबादास दानवे ने कहा कि जून महीने में समाधान कारक बारिश से किसानों के चेहरे खिले थे। परंतु, जुलाई और अगस्त में अतिवृष्टि के चलते राज्य भर बड़े पैमाने पर फसलों का नुकसान हुआ है। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से किसानों को मदद मिलना चाहिए। दानवे ने बताया कि राज्य के कुछ हिस्सों में जमीन ही बह गयी। जिससे किसान पूरी तरह टूट चुका है। किसान हतबल होने से अचानक गत दो महीने से राज्य में किसानों के आत्महत्याओं के मामलों में वृद्धि हुई है। किसानों के बढ़ते आत्महत्याओं के पिछे राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार जिम्मेदार होने का आरोप दानवे ने लगाया। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि से परेशान किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सबसे पहले सरकार द्वारा पंचनामें की जरुरत है। परंतु, सरकार ने राज्य के कुछ चुनिंदा मंडलों को पंचनामें करने के लिए शामिल किया है। जबकि, राज्य के अधिक तर हिस्सों में अतिवृष्टि से किसानों का बड़े पैमाने पर नुकसान होकर फसलें पूरी तरह बरबाद हो चुकी है। राज्य के हजारों किसानों के बड़े पैमाने पर नुकसान होने के बावजूद आज तक पंचनामें नहीं किए गए, इस पर विरोधी पक्ष नेता दानवे ने कड़ी नाराजगी जतायी। अंत में दानवे ने बताया कि विरोधी दलों द्वारा किसानों को बार-बार मदद की मांग करने पर राज्य सरकार ने एनडीआरएफ के निकष के अनुसार 21 अगस्त 2022 को मदद की घोषणा की परंतु, आज तक किसानों को किसी प्रकार की मदद नहीं मिली। इस पर दानवे ने चिंता जतायी। उधर, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष डॉ. कल्याण काले ने भी शिंदे सरकार पर खूब राग अलापकर महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्याओं पर चिंता जतायी। 

    पदाधिकारियों ने सौंपा विभागीय उपायुक्त को ज्ञापन 

    किसानों के बढ़ते आत्महत्या के मामलों को रोकने और किसानों को तत्काल मदद पहुंचाने की मांग वाला एक ज्ञापन महा विकास आघाड़ी के पदाधिकारियों ने विभागीय उपायुक्त (सामान्य प्रशासन) जगदीश मणियार से मुलाकात कर सौंपा। इस अवसर पर विधायक उदयसिंह राजपूत, पूर्व मेयर नंदकुमार घोडेले, जिला प्रमुख राजू राठोड, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष डॉ. कल्याण काले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष कैलास पाटिल, कांग्रेस के शहर अध्यक्ष शेख यूसुफ लिडर, किरण पाटिल डोणगांवकर, डॉ. संभाजी बिग्रेड के जिला अध्यक्ष रमेश गायकवाड, संजय सोमवंशी, पूर्व विधायक नामदेव पवार, शिवसेना के विभागीय सचिव अशोक पटवर्धन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अभिषेक देशमुख, कृष्णा पाटिल डोणगांवकर, राजू वैद्य, गोपाल कुलकर्णी, सचिन खैरे, कांग्रेस के पूर्व शहर अध्यक्ष इब्राहिम पठाण, मेहराज पटेल, छाया जंगले, शेख अथर आदि उपस्थित थे।