उपायुक्त अपर्णा थेटे ने टैक्स की राशि वसूलने के लिए उठाए सख्त कदम

    Loading

    औरंगाबाद : बीते करीब 10 सालों से महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) ने महानगरपालिका (Municipal Corporation) की आम सभा द्वारा वसूली (Recovery) के दिए हुए टार्गेट (Target) को पूरा करने में नाकाम रहा। यह बात अलग है कि गत ड़ेढ साल से औरंगाबाद महानगरपालिका पर प्रशासक नियुक्त है। इसी दरमियान  महानगरपालिका  उपायुक्त अपर्णा थेटे ने करों की बकाया राशि वसूलने के लिए सख्त कदम उठाने शुरु किए है।

    वसूली के काम में लापरवाही करनेवाले कर्मचारियों को कारण बताओं  नोटिस जारी करने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। उसके तहत 20 से अधिक कर्मचारियों को नोटिस थमाई गई है। वसूली का ग्राफ बढ़ाने के लिए उपायुक्त थेटे ने एक नियोजन बध्द तरीके से काम शुरु किया है। उसके तहत वसूली कर्मचारियों को अधिक  बकाया राशि वालों की सूची वार्ड में कार्यरत अधिकारियों को सौंपी गई। वे कर्मचारी घर जाकर वसूली करते है क्या ? इसकी जांच करने का काम उपायुक्त और कर मूल्य निर्धारक और संकलक अपर्णा थेटे ने शुरु किया  है। पिछले दो दिन में उन्होंने दो प्रभागों का दौरा किया। 

    कई कर्मचारी गैर हाजिर

    इस दौरे में उन्हें 52 कर्मचारी गैर हाजिर पाए गए। उन कर्मचारियों को प्रशासन की ओर से कारण बताओं नोटिस जारी किए गए है। उपायुक्त थेटे ने कर्मचारियों से साफ कहा कि वे हर दिन अपने साथ लंच टिफीन साथ लाए। दोपहर के खाने के लिए कर्मचारी कई घंटे कार्यालय से गायब रह रहे है। जिससे वसूली का कार्य धीमि गति  से जारी है। इसको गति देने के लिए उपायुक्त थेटे ने कर्मचारियों से साफ कहा कि वे लंच टिफीन साथ लाए। वरना, उन्हें इस्कॉन की खिचड़ी खिलाने की चेतावनी दी। अपर्णा थेटे ने कहा कि वह प्रभाग कार्यालय पहुंचकर वसूली कर्मचारियों की हाजिरी ले रही है। प्रभाग कार्यालय के दौरों में कई कर्मचारी गैर हाजिर दिखाई दे रहे है। 

    संपत्ति कर वसूली का 468 करोड़ का उध्दिष्ट 

    महानगरपालिका  प्रशासक आस्तिक कुमार पांडेय ने इस साल संपत्ति कर का 468 करोड़ 54 लाख और पेयजल आपूर्ति का 108 करोड़ 57 लाख रुपए का वसूली का उध्दिष्ट निश्चित किया है। बकायादार व्यावसायिक संपत्तियों को सील लगाने की कार्यवाही वर्तमान में जारी है। अपर्णा थेटे ने शहर के बकायादारों से अपील की है कि वे संपत्ति और पेयजल आपूर्ति कर समय पर भरकर महानगरपालिका  प्रशासन को सहकार्य करें। वरना प्रशासन की ओर से वसूली के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।