औरंगाबाद: औरंगाबाद (Aurangabad) में मराठवाड़ा शिक्षण प्रसारक मंडल (Marathwada Shikshan Prasarak Mandal) के देवगिरी कॉलेज ने राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) से ‘ए ++’ ग्रेड के साथ 3.59 अंक हासिल किया है। संस्था के महासचिव विधायक सतीश चव्हाण (MLA Satish Chavan) ने कहा कि चौथे चक्र में इतना ऊंचा स्थान हासिल करने वाला देवगिरी कॉलेज (Devgiri College) देश के शीर्ष पांच कॉलेजों में से एक बनने के साथ ही राज्य में प्रथम क्रमांक का कॉलेज बनने का बहुमान मिला है।
राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक), बैंगलोर एक गुणवत्ता और अग्रणी संगठन है जो उच्च शिक्षा की गुणवत्ता की निगरानी करता है। इस संस्था के माध्यम से देश स्तर पर उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले महाविद्यालयों की गुणवत्ता (मूल्यांकन) की जांच की जाती है। यह संस्था पिछले 25 वर्षों से देश के विभिन्न कॉलेजों की गुणवत्ता जांचने का काम कर रही है। पूर्व कुलपति गोपालकुमार छत्रे (मणिपुर), डॉ. जुगलकिशोर मिश्रा (ओडिशा), डॉ. अजय कुमार बोराई (देहरादून) ने 18 और 19 अक्टूबर को देवगिरी कॉलेज का दौरा किया और कॉलेज की शैक्षणिक प्रगति और गुणवत्ता का निरीक्षण किया।
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विधायक सतीश चव्हाण ने कहा कि इस निरीक्षण के बाद एनएसी ने हाल ही में ग्रेडिंग की घोषणा की है और इसमें देवगिरी कॉलेज को चौथे चक्र में “ए++” का ग्रेड मिला है और कॉलेज का सीजीपीए 3.59 है। संस्था के महासचिव विधायक सतीश चव्हाण ने बताया कि कॉलेज में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम, शिक्षण, अध्ययन, मूल्यांकन, अनुसंधान, नवाचार और विस्तार कार्य, बुनियादी सुविधाएं और शैक्षिक सुविधाएं, छात्र सहायता और उन्नति, प्रशासनिक नेतृत्व और प्रबंधन, संस्थागत मूल्य ‘नैक’ समिति ने निरीक्षण और नवीन गतिविधियों आदि के बाद यह दर्जा प्रदान किया है। कॉलेज ने रिसर्च, इनोवेशन और विस्तार कार्य में 4 में से 3.96 अंक हासिल किए। ये पिछले चार ‘चक्रों’ में एक कॉलेज द्वारा प्राप्त राष्ट्रीय स्तर के सार्वभौमिक अंक हैं। साथ ही छात्र सहायता और प्रगति में कॉलेज ने 4 में से 3.84 अंक हासिल किए हैं। यह कॉलेज स्तर पर उच्चतम स्कोर भी है।
विधायक सतीश चव्हाण ने कहा कि देवगिरी कॉलेज हमेशा विभिन्न नवीन और सक्रिय प्रयोगों के माध्यम से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता रहा है। कोविड काल में भी देवगिरी कॉलेज ने ‘ऑनलाइन’ शिक्षा प्रदान कर छात्रों की पढ़ाई में बाधा नहीं बनने दी। नैक समिति ने महाविद्यालय स्तर पर शुरू किए गए विभिन्न रोजगारोन्मुखी ‘पाठ्यक्रमों’, जल संकट वाले क्षेत्रों में जल नियोजन, महाविद्यालय में वर्षा जल संचयन प्रणाली, सोलर लाइट, जल बचत के लिए लगे सेंसर शौचालय, फुले-शाहू-आंबेडकर व्याख्यान श्रंखला की विशेष रूप से सराहना की। मराठवाड़ा शिक्षा प्रसारण बोर्ड के उपाध्यक्ष शेख सलीम, कोषाध्यक्ष डॉ. अविनाश येलिकर, कार्यकारी सदस्य एड. दिलीप खैरनार, डॉ. अनिल अरदाद, आईक्यूएसी समन्वयक डॉ. विष्णु पाटिल आदि उपस्थित थे।