Aurangabad Municipal Corporation

    Loading

    औरंगाबाद : देश के मेट्रोपॉलिटन शहरों (Metropolitan Cities) सहित अन्य  शहरों में  पार्किंग जोन (Parking Zone) निश्चित करने के लिए  लाख प्रयास किए गए। लेकिन, प्रशासन के  हाथ सफलता हाथ नहीं लगी है। महानगरपालिका प्रशासक (Municipal Administrator) और औरंगाबाद स्मार्ट सिटी (Aurangabad Smart City) के सीईओ आस्तिक कुमार पांडेय ने शहर के बढ़ते विस्तार को ध्यान में रखकर समय रहते हॉकर्स और पार्किंग जोन निश्चित करने के लिए प्रयास तेज कर दिए है। स्मार्ट सिटी के माध्यम से इस पर तेजी से काम जारी है। शहर की पार्किंग और हॉकर्स जोन निश्चित करने के  लिए मुुंबई सोशल इनवायरमेंटल नेटवर्किंग कन्सलटंट एमईएसएन संस्था की नियुक्ति की गई है। 

    एमईएसएन की सीईओ तृप्ति वैटला ने बताया कि शहर के प्रमुख व्यापार पेठ में  पार्किंग जोन निश्चित करने के लिए औरंगाबाद स्मार्ट सिटी द्वारा हमारी संस्था को  कन्सल्टंट के रुप में नियुक्त किया गया है। गत 6 माह से हमारी संस्था महानगरपालिका द्वारा पार्किंग और हॉकर्स जोन निश्चित करने के लिए किए गए सर्वे पर काम कर रही है। उनका कहना था कि देश में कई बड़े शहरों ने पार्किंग जोन निश्चित करने  के लिए भरपूर  प्रयास किए। लेकिन, उनके हाथ सफलता नहीं लगी। औरंगाबाद शहर का विस्तार जारी है। लेकिन, यहां की जनसंख्या और शहर के क्षेत्र को ध्यान में रखकर समय रहते यहां पार्किग जोन निश्चत कर उस पर अमली जामा पहनाना आसान है। 

    पार्किंग के लिए 5 पायलेट प्रोजेक्ट पर जारी है अभ्यास 

    शहर के किन क्षेत्रों में पार्किंग की समस्या निर्माण होती है। उन स्थानों पर हॉकर्स और पार्किंग जोन निश्चित करने के लिए एमपी लॉ कॉलेज के छात्रों  और महानगरपालिका कर्मचारियों के माध्यम से शहर में पहले सर्व कराया गया। इस सर्वे में शहर के समर्थ नगर, निराला बाजार, गुलमंडी से पैठण गेट, गजानन महाराज मंदिर से पुंडलीकनगर के अलावा टीवी सेंटर और आस-पास परिक्षेत्र का अभ्यास किया गया। उधर, सर्व करने के लिए जिन छात्रों और महानगरपालिका कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था, उन्हें अर्बन रिसर्च फाउंडेशन ने ट्रेनिंग दी थी। सर्वे के बाद पार्किंग पॉलिसी निश्चित करने के लिए युध्दस्तर पर काम जारी है। सर्वे के लिए अर्बन रिसर्च फाउंडेशन  प्रशनावली बनाई थी। विशेषकर, शहर के सिडको परिसर में स्थित कैनाट प्लेस में पार्किंग और हॉकर्स जोन की समस्या हल करने के लिए वहां के व्यापारियों, परिसर के नागरिकों के साथ एक बैठक कर उनके विचार जानकर डेटा तैयार किया गया। सर्वे में जमा डाटा टाउन वेडिंग कमेटी को सौंपा गया है। 

    पार्किंग जोन निश्चित करने जनता का सहयोग जरुरी 

    एमईएसएन की सीईओ तुप्ती वैटला ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि जनता के सहयोग के बिना हम पार्किंग पॉलिसी निश्चित नहीं कर पाएंगे। औरंगाबाद में यह करना आसान है। जनता से चर्चा कर पार्किंग जोन की समस्या हल की जा सकती। मुुंबई, पुणे जैसे शहरों में वर्तमान में पार्किंग जोन निश्वित  करना मुश्किल है। क्योंकि, उन शहरों का विस्तार काफी फैल चुका है। वहां वाहनों की संख्या काफी अधिक है। ऐसे में  प्रशासन द्वारा लाख कोशिशे करने के बावजूद आज बड़े शहरों में पार्किंग जोन निश्चित करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। औरंगाबाद वासियों से चर्चा कर पार्किंग जोन जल्द निश्चित करने में हम  कामयाब होने का दावा तृप्ति वैटला ने किया।