औरंगाबाद: किसान देश की जनता का अन्नदाता है। किसान (Farmer) जिंदा रहा तो हमारा देश जिंदा रहेगा, लेकिन बारिश के मौसम के अंतिम पड़ाव में राज्य में बड़े पैमाने पर फसलों का नुकसान हुआ हैं। लाखों एकड़ में फसलें बरबाद हुई हैं। नुकसान के चलते किसानों ने फिर एक आत्महत्या का रास्ता अपनाना शुरु किया है। किसानों का इतना बड़े पैमाने पर नुकसान के बावजूद राज्य की ईडी सरकार हाथ पर हाथ धंरे बैठी है। यह आरोप कांग्रेस (Congress) के जिलाध्यक्ष डॉ. कल्याण काले (Dr. Kalyan Kale) और शहर अध्यक्ष शेख यूसुफ लिडर ने लगाया है।
कांग्रेस के पदाधिकारियों ने जिलाध्यक्ष डॉ. कल्याण काले और शहर अध्यक्ष शेख यूसुफ लिडर के नेतृत्व में जिला प्रशासन के आला अधिकारी से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपकर महाराष्ट्र को तत्काल गिला सूखा घोषित करने की मांग की। उसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए जिलाध्यक्ष डॉ. काले और शेख यूसफ लिडर ने बताया कि प्रशासन के पास किसानों के नुकसान के पंचनामें करने का समय नहीं है। किसानों के नुकसान को ध्यान में रखकर महाराष्ट्र में तत्काल गिला सूखा घोषित करना अति आवश्यक है।
महाराष्ट्र को तत्काल गिला सूखा घोषित करें
कांग्रेसियों ने बताया कि गिला सूखा के चलते लाखों एकड़ की फसलें बरबाद होने से किसानों की नींद हराम है। किसानों को तत्काल मदद की जरुरत है, परंतु राज्य की ईडी सरकार सिर्फ टीवी पर जनता को दिखावे वाली काम कर रही है। राज्य सरकार का लक्ष्य केन्द्रीत करने के लिए कांग्रेसियों द्वारा हमने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। काले ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए साफ किया कि राज्य सरकार तत्काल गिला सूखा घोषित करें। किसानों को प्रति हेक्टेयर 75 हजार रुपए मदद दे। मंजूरी के लिए विशेष अनुदान घोषित करें। मोदी सरकार के किसान विरोधी नीतियों के चलते भूख संकेतकों में भारत नीचे पादान पर चल रहा है। विश्व के 121 देशों में 107 क्रमांक पर भारत का नंबर है। यह बात काफी शर्मनाक है। भारत की प्रतिमा सुधारने के लिए किसान हितों के व्यापक योजनाएं केन्द्र सरकार की ओर से बनाए जाने पर कांग्रेसियों ने जोर दिया। इस अवसर पर कांग्रेस नेता किरण पाटिल डोणगांवकर, जगन्नाथ काले, दीक्षा पवार, अरुणा लांडगे, कृष्णा काकडे, सुनील डोणगांवकर आदि उपस्थित थे ।