Bombay High Court
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    औरंगाबाद : राज्य की तत्कालीन ठाकरे सरकार (The then Thackeray Government) और वर्तमान शिंदे-फडणवीस सरकार (Shinde-Fadnavis Government) ने औरंगाबाद शहर (Aurangabad City) का नामांतरण संभाजीनगर (Sambhajinagar) और उस्मानाबाद शहर का नामांतरण धाराशिव (Dharashiv) करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के खिलाफ मुंबई उच्च न्यायालय (Mumbai High Court) में दायर अलग-अलग तीन याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई में मुंबई हाईकोर्ट ने राज्य सरकार (State Government) को नामांतरण (Transfer of Name) पर भूमिका स्पष्ट करने के लिए कहा। 

    कांग्रेस के तत्कालीन शहर अध्यक्ष हिशाम उस्मानी की ओर से एड. एसएस काजी द्वारा मुंबई हाईकोर्ट में औरंगाबाद का नामांतर करने के खिलाफ दायरी की गई याचिका पर मंगलवार सुनवाई हुई। हिशाम उस्मानी के अलावा एनसीपी नेता मोहम्मद मुश्ताक, हमद चाउस इन तीनों द्वारा दायर की गई अलग-अलग याचिका पर मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति संजय गंगापुरवाला और जस्टिस मारणे के समक्ष मंगलवार को एक साथ सुनवाई हुई। 

    सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा कि नाम बदलने की प्रक्रिया के बारे में आम नागरिकों के आपत्तियां मंगाकर क्या उन पर केंद्र और राज्य सरकार ने विचार किया? यह सवाल उपस्थित किया। सुनवाई में दो याचिकाकर्ताओं ने राज्य सरकार द्वारा नामांतरण का प्रस्ताव स्वीकार कर उसे केंद्र सरकार के पास भेजने की कार्रवाई को अवैध बताया। इस पर केंद्र और राज्य सरकार के वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि नामांतरण की संपूर्ण कार्रवाई गृह मंत्रालय के 1953 के मार्गदर्शक तत्वों के अनुसार की गई है। 

    15 फरवरी को नामांतरण के मामले में अपनी भूमिका स्पष्ट करने के निर्देश

    सरकारी वकील ने इस पर विस्तृत चर्चा करने के लिए समय मांगा। उसी समय याचिका कर्ताओं के वकीलों ने 1953 के मार्गदर्शक तत्व ही न्यायालय के समक्ष रखें। साथ ही एड. जावेद शेख द्वारा उपस्थित किए विशिष्ट विवाद के पृष्ठ भूूमि पर मुंबई हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आक्षेप और उस पर विचार करने की भूमिका स्पष्ट करने के निर्देश सरकार को दिए। एड.जावेद शेख ने न्यायालय में सरकार ने शहर का नामांतरण करने के लिए जरुरी आक्षेप मंगाने की संपूर्ण प्रक्रिया को बायपास करने पर बहस की। सरकारी वकील ने राज्य सरकार के पास नामांतरण को लेकर आक्षेप प्राप्त हुए या नहीं, इसकी जानकारी के लिए समय मांगा। इस मामले में हुई बहस के बाद मुंबई उच्च न्यायालय ने राज्य और केंद्र सरकार को 15 फरवरी को नामांतर के मुद्दे पर अपनी भूमिका स्पष्ट करने के निर्देश दिए। औरंगाबाद के नामांतरण को लेकर याचिका कर्ता की ओर से एड. जावेद शेख, एड. मोईन शेख, एड. यूसुफ मुचाला, एड. सगीर और उस्मानाबाद के नामांतरण को लेकर दायर याचिका को लेकर कुमारी तलेकर हाजिर हुई। इस मामले पर अगली सुनवाई 15 फरवरी 2023 को होगी।