MLA Ambadas Danve

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    औरंगाबाद: महाराष्ट्र विधान परिषद के विरोधी पक्ष नेता पद पर शिवसेना विधायक अंबादास दानवे (Ambadas Danve) की मंगलवार को नियुक्ति की गई। बुधवार को उनका शहर में आगमन होने पर शिवसैनिकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। तब उन्होंने सत्ताधारियों को चेताया कि वे उनके पाखंड का विधान परिषद में पर्दाफाश करके रहेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारियों द्वारा जो पाखंडी खेल खेला जा रहा है, वह ज्यादा दिनों तक नहीं टिकेगा। 

    विधान परिषद के विरोधी पक्ष नेता पद की नियुक्ति के दूसरे ही दिन अंबादास दानवे औरंगाबाद पहुंचे। तब उनका शहर के कई इलाकों में जोरदार स्वागत किया गया। उसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए दानवे ने कहा कि गत 39 दिनों से महाराष्ट्र (Maharashtra) में सिर्फ दो ही मंत्री काम कर रहे थे। इस काल में किसानों की आत्महत्याएं बढ़ी, अतिवृष्टि के चलते किसानों की फसले बड़ी संख्या में बरबाद हुई। कुछ जिलों में सड़क बह गई। स्कूल के इमारतों जर्जर होकर गिरी। संकट की इस घडी में राज्य के दो मंत्रियों के मंत्रिमंडल ने राज्य के इन गहरे संकटों  की ओर अनदेखी की, बल्कि उन दोनों मंत्रियों ने फार्म हाउस का उद्घाटन खुद के नाम के गार्डन का उद्घाटन, स्वागत समारोह इसी में अपना समय बरबाद किया। 

    शिंदे सरकार को घेरा

    दानवे ने कहा कि किसानों और आम जनता के प्रश्नों की ओर अनदेखी की। महाराष्ट्र में निर्माण हुई संकट में किसानों और आम नागरिकों को बड़े पैमाने पर मदद की जरुरत थी, परंतु इस ओर अनेदखी की गई। आए दिन राज्य में अपराधों का ग्राफ बढ़ा है। महंगाई ने आसमान छुने के दौरान पेट्रोल-डीजल पर मामूली टैक्स कम कर महंगाई कम करने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। इस पर विरोधी पक्ष नेता अंबादास दानवे ने कई सवाल उपस्थित कर शिंदे सरकार को घेरा। 

    गद्दारों को आगामी चुनाव में सिखाया जाएगा सबक 

    अंबादास दानवे ने शिवसेना से बगावत कर शिंदे गुट में शामिल हुए विधायकों को आगामी विधानसभा चुनाव में सबक सिखाने की चेतावनी देते हुए कहा कि औरंगाबाद जिले के 5 विधायकों ने गद्दारी की है। इन गद्दारों के खिलाफ शिवसेना की लड़ाई और अधिक तेज कर जनता के प्रश्नों को प्राथमिकता दी जाएगी। 

    बीजेपी पर साधा निशाना

    महाराष्ट्र में बीजेपी ने प्रादेशिक दल से दोस्ती कर उस दल के पीट में खंजर घोपने का काम किया है। इस तरह की राजनीति कई राज्यों में बीजेपी द्वारा जारी है। बीजेपी क्षेत्रिय दलों को खत्म करना चाहती है, परंतु अन्य दलों और शिवसेना में काफी अंतर है। शिवसेना किसी भी हालत से न डरते हुए अपनी ताकत से आगे जाएगी क्योंकि अब जनता होशियार हो गई है।